पाकिस्तान की ISI 2019 के लोकसभा चुनावों में कर सकती है गड़बड़ी: सूत्र
नई दिल्ली। पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान के चुनाव जीतने की घोषणा से पहले ऐसे आरोप लगे थे कि, पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई ने चुनावों में इमरान खान के पक्ष में हस्तक्षेप किया था। इससे पहले एक खुलासा हुआ था कि 2016 में पाकिस्तानी हैकर भारतीय सेना और राजनायिकों की ऑनलाइन और ऑफलाइन निगरानी कर रहे थे और उन्हें हैक करने की कोशिश की थी। उन्होंने जुलाई के आम चुनावों में कुल सिविल राइट्स समूह और विपक्षी राजनीतिक दल को लक्षित कर निशाना बनाया गया था।
भारतीय एजेंसी आईएसआई के उपर रख रहीं हैं नजर
पाकिस्तान के चुनावों को दुनियाभर की खुफिया एजेंसियां फॉलो कर रही थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों को सिविल राइट्स समूहों और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों की निगरानी में पाकिस्तानियों द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीकों में एक विशेष पैटर्न की तलाश की थी। इस तकनीक को समझने के बाद भारतीय खुफिया एजेंसी को उम्मीद है कि अगले साल भारत के होने वाले आम चुनावों में ISI के हस्तक्षेप को विफल करने में मदद मिलेगी।
ISI 2019 के लोकसभा चुनावों में गड़बड़ी फैला सकती है
एमनेस्टी इंटरनेशनल और यूएसए की मोबाइल सिक्योरिटी फर्म लुकआउट ने पाकिस्तानी राजनीतिक और नागरिक अधिकार समूहों को लक्षित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले खुफिया बुनियादी ढांचे का खुलासा किया। भारतीय खुफिया एजेंसियां भारत में एक्टिव ऐसे समूहों की और अधिक खुफिया सूचनाएं जुटाने में रुचि दिखा रही है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस तरह के देश में सक्रिय दो आईएसआई एसेस्ट्स की पहचान की है। सूत्रों के विश्वास है कि, आईएसएआई इनका उपयोग कर 2019 के लोकसभा चुनावों में गड़बड़ी फैला सकती है।
पाकिस्तानी हैकरों ने 2016 में भारतीय सेना को बनाया था निशाना
मार्च 2016 में जापान की साइबर सेक्योरिटी और डिफेंस कंपनी ट्रेंड माइक्रो ने एक ओप-सी नाम की रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि, पाकिस्तान साइबर हमलावरों के निशाने पर भारतीय सेना और भारतीय रक्षा वेबसाइट हैं। यह ऑनलाइन अपराधी पूरे देश में रक्षा और भारत-पाकिस्तान के रिश्ते को मुद्दा बनाकर मालवेयर (वायरस) ईमेल भेज रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस साइबर अपराधी ग्रुप का लक्ष्य भारतीय सेना की वेबसाइट पर ईमेल के माध्यम से वायरस भेजना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मालवेयर वाले इन ईमेल में लालच देने वाले मैसेज होते हैं खास बात है कि यह मैसेज भारतीय सेना, देश की सुरक्षा व रक्षा से जुड़े मुद्दों पर आधारित होते हैं। जिसमें कई बार भारत-पाकिस्तान के रिश्ते और मौजूदा घटनाक्रम शामिल होते हैं। जिन्हें डाउनलोड होने करने पर कंप्यूटर हैक हो जाता है जिसके बाद साइबर अपराधी सिस्टम से फाइल और स्क्रीन शाॅट ले सकते हैं।
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