पाकिस्तान का बड़ा दावा, 2022 में चीन की मदद से पहला अंतरिक्ष यात्री स्पेस में भेजेगा
नई दिल्ली- पाकिस्तान की ओर से स्पेस में अपने पहले अंतरिक्ष यात्री भेजे जाने को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने ऐलान किया है कि वह 2022 में चीन की मदद से अपना पहला अंतरिक्ष यात्री स्पेस में भेजेगा और इसकी प्रक्रिया अगले साल से ही शुरू कर दी जाएगी। रविवार को ये ऐलान इमरान खान सरकार में साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन की ओर से किया गया है, जो हाल के कुछ हफ्तों में अपने अलग-अलग बयानों की वजह से खूब सुर्खियों में रहे हैं। फवाद चौधरी ने कहा है कि उसके स्पेस मिशन में चीन उसका पूरा सहयोग करेगा। उन्होंने ये भी कहा है कि अंतरिक्ष यात्री के चुनाव में पाकिस्तान सरकार अपनी वायुसेना से भी सहायता लेगी। इस दौरान फवाद चौधरी ने विज्ञान के क्षेत्र में भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा भी जाहिर कर दी है।
2020 में अंतरिक्ष यात्री चुनने की प्रक्रिया शुरू
पाकिस्तान के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन के मुताबिक उनका देश तीन साल बाद के अपने स्पेस मिशन के लिए तैयारियों में जुट चुका है। उन्होंने कहा है कि इस काम में पाकिस्तान का भरोसेमंद सहयोगी चीन उसका साथ देगा। फवाद हुसैन के मुताबिक स्पेस मिशन के लिए भावी अंतरिक्ष यात्री चुनने की प्रक्रिया 2020 में ही शुरू कर दी जाएगी। पाकिस्तानी मंत्री के मुताबिक शुरुआत में अंतरिक्ष यात्री के संभावित नामों के लिए 50 लोगों को चुनाव जाएगा। इसके बाद 2022 में उनमें से 25 नाम छांटे जाएंगे, जिनमें से किसी एक को ही अंतरिक्ष में जाने के लिए चुना जाएगा। अंतरिक्ष यात्रियों को शॉर्टलिस्ट करने के काम में पाकिस्तान एयर फोर्स की अहम भूमिका रहेगी। पाकिस्तानी एजेंसी पाकिस्तान स्पेस एंड अपर एट्मॉस्फियर रिसर्च कमीशन और चीन की स्पेस एजेंसी के बीच ये समझौता 2018 में हुआ था।
चीन की मदद से चीन से ही भेजे थे दो सैटेलाइट
पाकिस्तान के स्पेस प्रोग्राम को देखें तो उसपर चीन का बहुत ही गहरा प्रभाव है। पिछले साल पाकिस्तान में तैयार दो पाकिस्तानी सैटेलाइट को उनकी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया था, लेकिन उसकी लॉन्च के लिए भी चीन की लॉन्च व्हीकल का इस्तेमाल किया गया था। यही नहीं पाकिस्तान के ये सैटेलाइट को चीन के ही गोबी मरुस्थल स्थिति जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से छोड़ा गया था और उसे उसके ऑर्बिट में स्थापित करने के लिए भी चीन के ही लॉन्ग मार्च (एलएम-2सी) रॉकेट का उपयोग किया गया था। उन दोनों सैटेलाइट्स में से एक दोहरे उपयोग वाली पृथ्वी का अवलोकन करने के लिए रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट (पीआरएसएस1) और ऑप्टिकल सैटेलाइट थी। दूसरी सैटेलाइट पीएके-टीईएस-1ए पाकिस्तान के सैटेलाइट निर्माण की क्षमता बढ़ाने के लिए लॉन्च की गई थी।
भारत के साथ सहयोग की इच्छा
इस दौरान पाकिस्तानी मंत्री ने दावा किया कि पाकिस्तान का स्पेस साइंस एजुकेशन सेंटर वहां के स्पेस साइंस को बढ़ावा देने में बहुत ही महत्वपूर्ण रोल निभा रहा है। फवाद ने यहां तक दावा किया कि सोवियत संघ के बाद 1963 में अंतरिक्ष में रॉकेट भेजने वाला पाकिस्तान दूसरा एशियाई देश था। उन्होंने ये भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आपसी सहयोग इलाके के लिए फलदायी साबित हो सकता है। गौरतलब है कि फवाद चौधरी ने भारत के चंद्रयान 2 मिशन को ट्रोल भी किया था, जिसके बाद दुनियाभर में उनकी और पाकिस्तान की खूब किरकिरी हुई थी।
2022 में भारत भी भेजेगा मानव मिशन
गौरतलब है कि चीन ने अपना पहला मानव अंतरिक्ष मिशन 2003 में लॉन्च किया था। ऐसा करने वाला चीन दुनिया का तीसरा देश है। इसी साल भारत ने भी 2022 तक अपना पहला स्वतंत्र मानव अंतरिक्ष मिशन स्पेस में भेजने की घोषणा की है, जिसके बाद वह ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश हो जाएगा। इसरो के इस पहले अंतरिक्ष यात्री को व्योमनॉट्स कहा जाएगा। इससे पहले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा रूस के सहयोग से 1984 में स्पेस में गए थे।
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