करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत के सुझाव को पाक ने किया खारिज, रखी अपनी शर्तें
नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान ने भारत के सामने अब शर्त रखनी शुरू कर दी है। दरअसल भारत ने पाकिस्तान को प्रस्ताव दिया था कि वह सिखों के धार्मिक स्थल पर पहुंचने के लिए करतारपुर कॉरिडोर को हमेशा खुला रखे, जिससे कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, लेकिन पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। पाकिस्तान ने भारत के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि करतारपुर गुरुद्वारा दरबार साहिब में सिर्फ 700 श्रद्धालु ही जा सकते हैं।
भारत
का
सुझाव
पाकिस्तान
ने
कहा
है
कि
श्रद्धालुओं
को
करतारपुर
विशेष
समय
के
काल
के
दौरान
ही
जाने
दिया
जाएगा।
भारत
ने
प्रस्ताव
दिया
था
कि
भारतीय
नागरिकों
को
जिनके
पास
ओवरसीज
इंडियन
कार्ड
है
उन्हें
गुरुद्वारा
जाने
दिया
जाए।
लेकिन
पाकिस्तान
का
कहना
है
कि
सिर्फ
भारतीय
नागरिकों
को
ही
यहां
आने
दिया
जाएगा।
भारत
ने
यह
भी
सुझाव
दिया
था
कि
कॉरिडोर
को
सातों
दिन,
वर्ष
के
365
दिन
खुले
रहने
देना
चाहिए,
लेकिन
पाकिस्तान
का
कहना
है
कि
कॉरिडोर
सिर्फ
उस
दिन
ही
खुलेगा
जब
गुरुद्वारा
में
लोगों
को
आने
की
इजाजत
होगी।
इन
मागों
को
किया
खारिज
भारत
की
ओर
से
कहा
गया
था
कि
हर
रोज
5000
श्रद्धालुओं
को
दर्शन
की
इजाजत
दी
जाए,
लेकिन
पाकिस्तान
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
सिर्फ
700
श्रद्धालु
ही
गुरुद्वारा
जा
सकते
हैं।
वहीं
खास
दिन
पर
भारत
ने
कहा
था
कि
10000
श्रद्धालुओं
को
जाने
की
इजाजत
होनी
चाहिए,
इसपर
पाकिस्तान
की
ओर
से
कोई
जवाब
नहीं
आया
है।
भारत
का
कहना
है
कि
व्यक्तिगत
या
फिर
ग्रुप
में
आने
वाले
लोगों
को
एक
साथ
15
लोगों
के
गुट
में
जाने
की
इजाजत
होनी
चाहिए।
लेकिन
पाकिस्तान
इसके
लिए
राजी
नहीं
है।
भारत
की
शर्तें
नहीं
मानी
पाकिस्तान
इस
बात
पर
भी
राजी
नहीं
हुआ
जिसमे
भारत
ने
कहा
था
कि
वह
रावी
नदी
के
उपर
ब्रिज
बनाना
चाहता
है,
साथ
ही
भारत
ने
कहा
था
कि
श्रद्धालुओं
को
पैदल
ही
करतारपुर
साहिब
जाने
की
इजाजत
होनी
चाहिए,
लेकिन
पाक
ने
इस
सुझाव
को
भी
खारिज
कर
दिया।
बता
दें
कि
पाक
के
इनकार
के
बाद
भी
करतारपुर
साहिब
कॉरिडोर
का
काम
तेजी
से
चल
रहा
है,
इसे
12
नवंबर
2019
तक
पूरा
करने
का
लक्ष्य
रखा
गया
है।
इस
दिन
गुरुनानक
की
550वीं
सालगिरह
है।
120
करोड़
का
प्रोजेक्ट
बता
दें
कि
चार
लेन
वाला
यह
हाईवे
4.20
किलोमीटर
लंबा
है,
जोकि
गुरदासपुर
को
अमृतसर
से
एनएच
354
से
जोड़ता
है।
इस
प्रोजेक्ट
को
नेशनल
हाईवे
अथॉरिटी
ऑफ
इंडिया
द्वारा
बनाया
जा
रहा
है,
जिसकी
कुल
लागत
120
करोड़
रुपए
है।
इस
प्रोजेक्ट
के
लिए
कुल
53
एकड़
जमीन
का
अधिग्रहण
किया
गया
था।
जिसपर
45
फीसदी
काम
पूरा
हो
चुका
है।
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