कंगाल पाकिस्तान को अब आयी भारत की याद
बंगलुरु। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद बौखलाहट में आकर भारत के साथ संबंध तोड़ना पाकिस्तान के लिए खुदकुशी करने जैसा कदम साबित हो रहा है। पाकिस्तान अब उस पल को कोस रहा है जब उसने भारत के साथ व्यापारिक संबंध समाप्त कर दिया था। दर-दर भटक रहेे कंगाल पकिस्तान को अब भारत से आयातित सामानों की याद आ रही है। अब भारतीय वस्तुओं को बाजार में बिकने की छूट देने की भी अपील कर रहा है। उसे भारत से आयातित वस्तुओं की पाकिस्तान को सख्त दरकार है।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के फैसले बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय ट्रेड को सस्पेंड कर दिया लेकिन महंगाई की मार झेल रहे वहां के लोगों के लिए यह फैसला मुसीबत बनता जा रहा है। पाकिस्तान की ऐंठ उस पर ही भारी पड़ रही है, आलम ये है कि वहां जीवनरक्षक दवाओं और अन्य जरूरी चीजों की कमी होने का खतरा पैदा हो गया है। सूचना है कि वहां भारत से जाने वाली जरूरी दवाओं की कमी हो गई है। आशंका जताई कि जीवन-रक्षक दवाएं, जिसके लिए वह भारत से कच्चे माल के रूप में आयात की जाती है वह बाजार से जल्द गायब हो जाएंगी।
इसी
का
हवाला
देते
हुए
पाकिस्तान
के
नियोक्ता
महासंघ
(ईएफपी)
ने
सरकार
से
अपील
की
है
ताकि
हवाईअड्डों
एवं
बंदरगाहों
पर
पहले
ही
पहुंच
चुके
सामानों
को
स्थानीय
बाजारों
तक
पहुंचाया
जा
सके।
ईएफपी
ने
सरकार
से
बंदरगाहों
पर
पहले
से
मौजूद
भारतीय
सामानों
के
वितरण
की
अनुमति
देने
के
लिए
कहा
है।
बता
दें
भारत
द्वारा
5
अगस्त
को
जम्मू-कश्मीर
को
विशेष
दर्जा
देने
वाले
अनुच्छेद
370
को
रद्द
करने
के
फैसले
के
खिलाफ
जवाबी
कार्रवाई
करते
हुए
पाकिस्तान
ने
औपचारिक
रूप
से
भारत
के
साथ
अपने
द्विपक्षीय
व्यापार
को
तत्काल
प्रभाव
से
अगले
आदेश
तक
निलंबित
कर
दिया
था।
समाचार पत्र 'डॉन' ने बताया कि भारत के साथ व्यापार को निलंबित करने के फैसले का समर्थन करते हुए नियोक्ता फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान (ईएफपी) ने सरकार से अपील की है कि भारतीय सामान जो पहले से ही हवाई अड्डों या बंदरगाहों तक पहुंच चुके हैं, उन्हें स्थानीय बाजारों में अनुमति दी जानी चाहिए।
ईएफपी ने यह भी आशंका जताई कि जीवन-रक्षक दवाएं, जो भारत से कच्चे माल के रूप में आयात की जाती हैं, बाजार से गायब हो सकती हैं। ईएफपी ने अनुरोध किया है कि जब तक कि आयात के लिए कुछ वैकल्पिक सोर्स की व्यवस्था न हो जाए तब तक नियमों में तब तक ढील दिया जाए। ताकी हवाईअड्डों एवं बंदरगाहों पर भारत से पहले ही पहुंच चुके सामानों को स्थानीय बाजारों तक पहुंचे । जिससे भारत से आयातित एपीआई (सक्रिय दवा सामाग्री) से पाकिस्तान की फार्मास्युटिकल कंपनियां जीवन रक्षक दवाएं सप्लाई कर सकें।
इमरान
सरकार
में
पाकिस्तान
और
हुआ
कंगाल
पाकिस्तान
के
प्रधानमंत्री
इमरान
खान
ने
वहां
की
आवाम
को
नया
पाकिस्तान
का
जो
सपना
दिखा
कर
सत्ता
में
आए
थे।
लेकिन
इमरान
का
नया
पाकिस्तान
हकीकत
में
कंगाल
पाकिस्तान
बन
चुका
हैं।
देश
की
हालत
लगातार
खराब
हो
रही
है।
पाकिस्तान
के
प्रधानमंत्री
समेत
सभी
नेता
कश्मीर
के
नाम
पर
अपनी
राजनीतिक
रोटियां
सेंक
रहे
हैं
लेकिन
तेल,
गैस
समेत
रोजमर्रा
की
वस्तुओं
के
बढ़े
दामों
ने
आम
इंसान
की
कमर
तोड़
दी
है।
भारत
से
संबध
तोड़ने
के
फैसले
के
बाद
पाकिस्तान
में
इस्तेमाल
की
जाने
वाी
कई
वस्तुएं
भारत
से
जाती
थी
खासकर
टमाटर
और
प्याज
के
दाम
आसमान
छू
रहे
हैं।
मुद्रास्फीति की दर दहाई के आंकडे को पार कर गई
मालूम हो कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने 18 अगस्त को एक साल का कार्यकाल पूरा किया है। इस एक वर्ष के कार्यकाल में आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं। वर्ष 2011 के बाद पहली बार देश में मुद्रास्फीति की दर दहाई के आंकडे को पार कर गई है। जबकि सरकार के अपने अनुमान के मुताबिक इसके 11 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद की गई थी।
रोटी
की
कीमत
में
12
रुपये
का
हुआ
इजाफा
जब
एक
वर्ष
पहले
इमरान
सत्ता
में
आये
तब
रोटी
और
नान
की
कीमत
दो
रुपये
से
बढ़कर
12
रुपये
तक
पहुंच
गयी।
ब्रेड
की
कीमतें
नौ
फीसदी
बढ़ी
।
चीनी
की
कीमत
में
12
रुपये
की
बढ़ोत्तरी
हुई।
घी
और
तेल
से
लेकर
दालों
में
बीते
वर्ष
में
सौ
रुपये
तक
का
इजाफा
हुआ
है।
घी
और
तेल
से
लेकर
दालों
में
100
-150
रुपये
तक
बढ़ोत्तरी
हुई।
दूध
के
दामों
में
अचानक
30
रुपये
की
बढ़ोत्तरी
हुई।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले दिनों अदरक 400 रुपये, लहसुन 320 रुपयेi प्रति किलो बिक रहा है पहले जिसका दाम 320 रुपये व 280 रुपये था। तुरई 140 से 150 रुपये प्रति किलो, लौकी 120 रुपये किलो, बंदगोभी 80 रुपये किलो, शिमला मिर्च 120 रुपये प्रति किलो, हरी मिर्च 100 रुपये किलो बिक रहा है। कुछ दिनों 35 रुपये में बिकने वाला प्याज और टमाटर 50 से 60 रुपये बिक रहा है। ब्रेड की कीमत 100 रुपये, चार पीस वाला बन बन 55 रुपये और रस्क को पैकेट 80 रुपये हो गया है वहीं चीनी की कीमत 72 रुपये हो गयी है।
पाकिस्तान
ब्यूरो
ऑफ
स्टैटिस्टिक
की
तरफ
से
जारी
किए
गए
मंहगाई
के
आंकड़ो
के
अनुसार
पाकिस्तान
में
मंहगाई
ने
सारे
रिकार्ड
तोड़
दिए
हैं।
जुलाई
में
कंज्युमर
प्राइस
इंडेक्स
आधारित
मंहगाई
दर
बढ़कर
10.34
फीसदी
पर
जा
पहुंची
है।
डीजल,
पेट्रोल,
सीएनजी
सब
कुछ
हुआ
मंहगा
पाकिस्तानी
मीडिया
के
अनुसार
सीएनजी,
पीएनजी,रुपये
में
गिरावट,
रोजमर्रा
की
वस्तुओं
के
दाम
और
टैक्स
में
बढ़ोत्तरी
वहां
की
जनता
की
जेब
पर
बहुत
भारी
पड़
रहा
है।
अगस्त
2018
में
एक
डॉलर
की
कीमत
123
थी
जो
अब
बढ़
कर
158
तक
पहुंच
चुकी
है।
पेट्रोल
के
दाम
95.24
रुपये
से
बढ़कर
117.84
रुपये
और
डीजल
112.94
रुपये
से
बढ़कर
132
रुपये
से
अधिक
हो
गया
है।
जब
इमरान
खान
सरकार
में
आये
तो
सीएनजी
की
कीमत
81.70
रुपये
थी
जो
वर्तमान
में
123
रुपये
प्रति
किग्रा
तक
पहुंच
चुकी
है।
स्टील
की
कीमतों
में
भी
जबरदस्त
इजाफा
इमरान
के
सत्ता
में
आने
के
बाद
हुआ।
पिछले
वर्ष
अगस्त
में
इसकी
कीमत
103,000
रुपये
हुआ
करती
थी
जो
अब
बढ़कर
120,000
प्रति
टन
तक
हो
चुकी
है।
इसी
तरह
से
सीमेंट
के
दामों
में
बीते
एक
वर्ष
में
सौ
रुपये
तक
का
इजाफा
हो
चुका
है।
इन
सभी
वस्तुओं
कीमतें
स्थिर
नही
है
दिन
प्रतिदिन
पाकिस्तान
की
बत्तर
हो
रही
स्थिति
में
यह
कीमतें
और
बढ़ेगी।