चीन की मदद से कश्मीर घाटी में हथियार, ड्रग्स भेज रही पाकिस्तान की सेना और ISI
श्रीनगर। एक तरफ भारत पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के अड़ियल रवैये से परेशान है तो वहीं देश के वेस्टर्न बॉर्डर पर पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष तौर पर चीन की मदद एक नया सिरदर्द बन गई है। जम्मू कश्मीर पुलिस की तरफ से बताया गया है कि पाकिस्तान की नई रणनीति घाटी में सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया है कि पाकिस्तान के संगठन चीनी ड्रोन की मदद से घाटी में आतंकियों की मदद के लिए हथियार भेज रहे हैं।
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बॉर्डर के इलाकों पर चौकन्ने सुरक्षाबल
डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया, 'ड्रोन की मदद से हथियार गिराना पाकिस्तान की नई रणनीति है और पुलिस ने इसका सामना करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। हमनें हथियारों की ऐसी कई खेप पकड़ी हैं जिन्हें ड्रोन की मदद से गिराया हैं।' डीजीपी दिलबाग ने बताया कि पुलिस को अब तक एके-47, एमओ4 पिस्टल और ग्रेनेड्स बरामद हुए हैं। पुलिस ने हथियारों को आतंकियों तक भेजने के पाकिस्तान के हर प्रयास को विफल कर दिया है। पिछले कुछ माह से सुरक्षाबलों को बॉर्डर के करीब हथियारों को बड़ा जखीरा बरामद हुआ है। उनका मानना है कि खास प्रकार के ड्रोन की मदद से इन हथियारों को ड्रॉप किया गया है। सुरक्षाबलों की मानें तो इन ड्रोन्स की मदद से पाकिस्तान बॉर्डर के इलाकों में ड्रग्स भी भेज रहा है।
ISI को मिले चीन से निर्देश
डीजीपी दिलबाग सिंह ने जानकारी दी कि पुलिस को चीन में बनी एक कार्बाइन भी बरामद हुई है। चीन की इस प्रकार की पिस्टल का प्रयोग आतंकी पिछले कुछ समय से कर रहे हैं। इसके अलावा चीन की कंपनी की तरफ से तैयार टाइप 97 NSR राइफल्स नोरिन्को भी पुलिस ने बरामद की है। डीजीपी दिलबाग ने कहा कि इस हथियार का प्रयोग खासतौर पर चीनी सैनिक करते हैं और पाकिस्तान की सेना में भी कुछ समय से इसका प्रयोग हो रहा है। सुरक्षा बलों के मुताबिक उन्होंने इन घटनाक्रमों के बाद नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर गश्त बढ़ा दी है। पिछले दिनों आई इंटेलीजेंस रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई को चीन ने निर्देश दिया है कि वह जम्मू-कश्मीर में हथियारों से लैस एक साजिश को अंजाम दे।