पाकिस्तान ने बिपिन रावत के बयान को बताया 'दिवालिया सोच' की पहचान
पाकिस्तान सरकार ने भारत के चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (CDS) बिपिन रावत के उस बयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने कश्मीर घाटी में युवाओं को कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले 'डी-रैडिकलाइज़ेशन कैंप' चलाए जाने का ज़िक्र किया था. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बिपिन रावत के बयान को 'बेहद ग़ैर-ज़िम्मेदाराना' बताया है और कहा है कि "ये टिप्पणी चरमपंथी मानसिकता
पाकिस्तान सरकार ने भारत के चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (CDS) बिपिन रावत के उस बयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने कश्मीर घाटी में युवाओं को कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले 'डी-रैडिकलाइज़ेशन कैंप' चलाए जाने का ज़िक्र किया था.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बिपिन रावत के बयान को 'बेहद ग़ैर-ज़िम्मेदाराना' बताया है और कहा है कि "ये टिप्पणी चरमपंथी मानसिकता और दिवालिया सोच को दर्शाती है जो स्पष्ट रूप से भारत के राजकीय संस्थानों में फैल चुकी है."
गुरुवार को नई दिल्ली में हुए 'रायसीना डायलॉग 2020' नाम के एक कार्यक्रम में जनरल रावत ने पाकिस्तान का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा था कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को आतंक निरोधक संस्था एएफ़टीएफ़ की ब्लैक-लिस्ट में डालने और कूटनीतिक रूप से अलग थलग करने की ज़रूरत है.
इसके जवाब में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है जिसमें लिखा है, "भारत प्रशासित कश्मीर पहले ही दुनिया की सबसे बड़ी जेल बन चुका है जिसमें 80 लाख से ज़्यादा कश्मीरी 5 अगस्त 2019 से बंद हैं. वहाँ क़रीब नौ लाख की फ़ौज तैनात है जो मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है.
"AFSPA और PSA जैसे कठोर नियमों का इस्तेमाल हो रहा है और 13 हज़ार से अधिक कश्मीरी लड़कों को उनके घरों से, उनके परिवारों से दूर रखा गया है, ऐसे में बिपिन रावत का कश्मीरी बच्चों को डी-रैडिकलाइज़ेशन कैंपों में भेजने का सुझाव बहुत ही निंदनीय है."
क्या कहा था रावत ने
रावत ने भारत प्रशासित कश्मीर में मौजूदा हालात का ज़िक्र करते हुए कहा था कि 'घाटी में 10 से 12 साल के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है, जो कि चिंता का विषय है. पर इन लोगों को धीरे-धीरे कट्टरपंथ से अलग किया जा सकता है. इन लोगों को अलग से कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर में ले जाने की आवश्यकता है.'
रावत ने इस कार्यक्रम में यह भी स्वीकार किया था कि 'भारत में पहले से ही कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चलाए जा रहे हैं.' साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया था कि पाकिस्तान में भी इस तरह के शिविर चलाए जाते हैं.
रावत के इस दावे के बाद पाकिस्तान की ओर से जारी हुए बयान में यह भी कहा गया है कि "वैश्विक समुदाय को भारत प्रशासित कश्मीर का संज्ञान लेना चाहिए. भले ही बीजेपी सरकार अन्य मुद्दों को उठाकर कश्मीर से दुनिया का ध्यान हटाने का प्रयास करती रहे. हमें लगता है कि भारत को उसके ग़ैर-क़ानूनी कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."