भरोसे के लायक नहीं पाकिस्तान, इन भारतीय सैनिकों के साथ किया था बुरा बर्ताव
नई दिल्ली। हर कोई विंग कमांडर अभिनंदन की सकुशन वापसी की दुआएं कर रहा है। हर देशवासी चाहता है कि अभिनंदन जल्द से जल्द अपने देश वापस लौटें और उनकी वापसी की कोशिशें भी जारी है। लेकिन पूर्व में पाकिस्तान ने जिस तरह से भारतीय सैनिकों के साथ बर्ताव किया है उसे लेकर थोड़ी घबराहट भी है। पाकिस्तान किस तरह से भारतीय सैनिकों के लिए निर्मम हो सकता है, यह बात सन् 1999 में दुनिया के सामने आ गई थी। उस समय कैप्टन सौरभ कालिया और उनकी यूनिट के पांच जवानों को बेदर्दी से पाक ने मारा डाला था। बस यही एक बात है जो डर और दहशत महसूस करने पर मजबूर कर देती है।
सौरभ कालिया की निकाली ली थीं आंखें
वर्ष 1999 में हुआ कारगिल युद्ध न सिर्फ पाकिस्तान पर भारत की विजय गाथा का उदाहरण है बल्कि इसके साथ ही उन तमाम शहीदों का जिक्र भी होता है जिन्होंने देश की रक्षा में अपना सबकुछ दे दिया। जाट रेजीमेंट के कैप्टन सौरभ कालिया और उनके पांच साथी जवान इस युद्ध में शहीद होने वाले बहादुरों का पहला नाम हैं। मई 1999 में कारगिल वॉर के आधिकारिक शुरुआत से पहले ही पाक सेना ने कैप्टन कालिया और उनके साथ पेट्रोलिंग पर गए पांच जवानों को अगवा कर लिया था। इसके बाद उन्हें काफी बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया। 6 जून को कैप्टन कालिया और उनके साथी जवानों के शव मिले थे। कैप्टन कालिया और पांचों जवानों को बुरी तरह से टॉर्चर किया गया था। सौरभ कालिया और पांच जवानों की आंखें तक निकाल गई थीं और उनके शरीर को सिगरेट से दागा गया था।
नचिकेता को बुरी तरह से पीटा गया
26 मई 1999 को कारगिल में इंडियन एयरफोर्स ने ऑपरेशन सफेद सागर लॉन्च किया। इस ऑपरेशन के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट के नचिकेता मिग-27एल उड़ा रहे थे। नचिकेता की उम्र उस समय 26 वर्ष थी और वह आईएएफ की नंबर नौ स्क्वाड्रन के साथ पोस्टेड थे। इस स्क्वाड्रन को कारगिल के बटालिक सेक्टर से दुश्मन को खदेड़ने की जिम्मेदारी दी गई थी जो युद्ध में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका था। उनके एयरक्राफ्ट के इंजन को पाकिस्तान की तरफ से आती स्टिंगर मिसाइल ने हिट किया और उनका जेट क्रैश हो गया। जो बात सबसे ज्यादा दुखदायी थी, वह थी नचिकेता का जेट तो भारतीय सीमा में गिरा लेकिन वह पीओके में गिर गए। पाक सेना ने उन्हें पकड़ लिया। उन्हें यहां से लेकर रावलपिंडी गई और यहां पर उन्हें बुरी तरह से पीटा गया।
अजय आहूजा को मारी थी गोली
नचिकेता को तलाशने के लिए उनके साथी स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा मिग-21 से निकले और उनके एयरक्राफ्ट को भी पाक मिसाइल ने निशाना बनाया। मिसाइल पर हमले के बाद स्क्वाड्रन लीडर आहूजा पैराशूट की मदद से प्लेन से कूद गए थे। कहते हैं कि आहूजा के शव पर पाकिस्तान की सेना ने करीब से गोली मारी थी। पाक ने बाद में उनका शव सरकार को लौटाया था। आहूजा को उस वर्ष वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। कारगिल की जंग के दौरान आहूजा फ्लाइट कमांडर थे।