पूरी दुनिया में फिर पाक हुआ बेनकाब, आंतकी ओसामा बिन लादेन को PM इमरान खान ने बताया शहीद
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एटबाबाद में छिपकर कर रह रहे वैश्विक आंतकी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने भरी संसद में शहीद बताकर एक फिर बेनकाब हो गया है, जिसे अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर मार गिराया था। अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन के नेतृत्व वाले आतंकियों ने ही अमेरिका में 9/11 हमले को अंजाम दिया था, जिसमें करीब 2977 से अधिक लोग मारे गए थे। इमरान का यह बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
दरअसल, पाकिस्तानी संसद में प्रधानमंत्री इमरान खान आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई मुद्दे पर संसद में बोल रहे थे और उन्होंने भरी संसद में आतंकी ओसामा बिन लादेन का शहीद का दर्जा दे डाला। संसद में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमने अमेरिका का साथ दिया और उसके बाद पाकिस्तान को जो जिल्लत उठानी पड़ी, मैं नहीं समझता कि कभी भी किसी मुल्क के साथ ऐसा हुआ है कि वह वॉर ऑन टेरर में किसी का साथ दे और उल्टे ही उसे बुरा बना दिया जाए।
भारत केंद्रित आंतकी समूहों के लिए सुरक्षित बंदरगाह बना हुआ है पाकिस्तानः अमेरिका
अमेरिकन ने ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन का मार दिया...शहीद कर दिया
वीडियो में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि यदि अफगानिस्तान में वो नाकामयाब होते हैं तो इसके लिए भी हमें जिम्मेदार ठहरा देते हैं। मैं खुले तौर पर कहता हूं कि हम पाकिस्तानियों के लिए यह वाक्या शर्मिंदा करने वाला था। इमरान ने आगे कहा कि एक दूसरा वाक्या भी हुआ कि ओसामा बिन लादेन को अमेरिकन ने ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन का मार दिया...शहीद कर दिया।
अमेरिका की वजह से 70 हजार पाकिस्तानी मारे गए हैं...
बकौल इमरान, उसके बाद क्या हुआ सारी दुनिया ने हमें गालियां दी। हमको बुरा कहा, हमें बुरा भला कहा... यानी हमारा सहयोगी हमारे ही मुल्क में आकर मार रहा है और किसी को और हमको बता ही नहीं रहा। इमरान ने यह भी कहा कि अमेरिका की वजह से 70 हजार पाकिस्तानी मारे गए हैं। इससे ज्यादा जिल्लत क्या होगी, जो पाकिस्तानी बाहर थे उनके उपर जो गुजरी उसे बयां नहीं किया जा सकता है, यह 2010 की बात है।
पिछले साल सितंबर में अमेरिका दौरे पर गए इमरान खान ने कबूला था
पिछले साल सितंबर में अमेरिका दौरे पर गए इमरान खान ने कबूला था कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के संबंध अल कायदा और अन्य आतंकी समूहों से थे और इन्हीं दोनों ने अल कायदा एवं दूसरे आतंकी समूहों को अफगानिस्तान में लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया था। तब अमेरिका गए इमरान से अमेरिकी थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR) के एक कार्यक्रम में पूछा गया था कि क्या पाकिस्तान ने इस बात की जांच कराई थी कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में कैसे रह रहा था।
ISI ने दुनियाभर के मुस्लिम देशों से लोगों को बुलाकर ट्रेनिंग दी थी:इमरान
इमरान खान ने यह भी कहा था कि ISI ने दुनियाभर के मुस्लिम देशों से लोगों को बुलाकर ट्रेनिंग दी थी ताकि वे सोवियत यूनियन के खिलाफ जेहाद कर सकें। इससे पहले इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान को ओसामा बिन लादेन की मौजूदगी का पता था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ही सीआईए को ओसामा की मौजूदगी के बारे में बताया था। इसी जानकारी के आधार पर अमेरिकी मरीन कमांडो ने ओसामा को 02 मई, 2011 की आधी रात को पाकिस्तान में घुसकर उसे ढेर कर दिया था।
कल ही पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला गया है
आतंक को पनाह देने के पाकिस्तान देने के इसी रवैये के चलते बुधवार को उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने ग्रे सूची में डाल दिया गया। वहीं अमेरिका में आतंकवाद एक रिपोर्ट भी सामने आई है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों के लिए पनाह बना हुआ है।
पाकिस्तान ने 2019 में आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने में मामूली कदम उठाया
अमेरिका ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान ने 2019 में आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने और उस साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले के बाद बड़े पैमाने पर हमलों को रोकने के लिए भारत केंद्रित आतंकवादी समूहों के खिलाफ मामूली कदम उठाए, लेकिन वह अब भी क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के लिए सुरक्षित बंदरगाह बना हुआ है।