मसूद अजहर पर झूठ बोलने के बावजूद FATF की ग्रे-लिस्ट से नहीं निकला पाकिस्तान- सूत्र
नई दिल्ली- टेरर फंडिंग और जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर झूठ पर झूठ बोलने के बावजूद पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे-लिस्ट से बाहर निकलने में नाकाम रहा है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान अभी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा। जानकारी के मुताबिक इस बार तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान का साथ दिया है, लेकिन उनके समर्थन के बावजूद वह ग्रे-लिस्ट से बाहर नहीं निकलने में नाकाम रहा। जबकि, आर्टिकल 370 की वजह से तुर्की और मलेशिया लगातार भारत के खिलाफ आग उगलने में लगे हुए हैं और इसी नाम पर उन्होंने पाकिस्तान की मदद की कोशिश की है, जो फिलहाल असफल हो गई है।
एफएटीएफ की ग्रे-लिस्ट में रहेगा पाकिस्तान-सूत्र
पेरिस में इन दिनों टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक चल रही है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में एक बार से यही तय हुआ है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा। खबरों के मुताबिक इस बार तुर्की और मलेशिया ने उसे समर्थन देकर ग्रे-लिस्ट से बाहर करवाने की भरपूर कोशिश की। गौरतलब है कि तुर्की और मलेशिया आर्टिकल 370 पर भारत के खिलाफ आग उगलते आए हैं और उनका पाकिस्तान को समर्थन उनके इसी नजरिए का परिणाम है।
ब्लैकलिस्ट में जाने से बचने की है कोशिश
बता दें कि एफएटीएफ की इंटरनेशनल को-ऑपरेटिव रिव्य ग्रुप इस बात की तहकीकात कर रहा है कि टेरर फंडिंग पर नकेल कसने के लिए पाकिस्तान को जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उसका वह पालन कर रहा है या नहीं। यह छानबीन इस बात की हो रही है कि वह ब्लैक लिस्ट में जाने से बचने के लिए पर्याप्त कदम उठा रहा है या नहीं। अगर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाता है तो वह इंटरनेशनल बैंकिंग सिस्टम में अलग-थलग पड़ जाएगा और कहीं से भी कर्ज नहीं मिल पाने की स्थिति में वह दाने-दाने को मोहताज हो सकता है।
मसूद अजहर पर लगातार झूठ बोल रहा है
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में एफएटीएफ ने उसकी ग्रे-लिस्ट की मियाद फरवरी, 2020 तक के लिए बढ़ाई थी। तब चीन की अध्यक्षता वाले इसके एक संगठन ने पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों को संतोषजनक माना था। तब पाकिस्तान में उम्मीद जग गई थी कि फरवरी में वह ग्रे से निकलकर व्हाइट लिस्ट में आ जाएगा। बता दें कि भारतीय रक्षा जानकारों के मुताबिक हाल में वहां जमात-उद-दावा के सरगना और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंट हाफिज सईद को जो सजा सुनाई गई है, वह भी पाकिस्तान के इसी प्रयास का नतीजा है। हालांकि, जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के पाकिस्तान में मौजूदगी को वह लगातार झुठला रहा है, जो पुलवामा हमले का भी मास्टरमाइंड है।
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