पुंछ-रावलकोट बस सेवा पर पाकिस्तान का अड़ियल रवैया, गेट नहीं खोलने से यात्रियों को लौटना पड़ा वापस
पुंछ (जम्मू-कश्मीर)। पुलवामा में आतंकी हमले के बाद से लगातार भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव देखने को मिल रहा है। इसका ताजा असर उस समय देखने को मिला जब पुंछ से रावलकोट जाने वाली बस सेवा प्रभावित हुई। जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के पुंछ से एक बस सोमवार को रावलकोट के लिए 'राह-ए-मिलन' बस रवाना हुई, लेकिन पाकिस्तान प्रशासन ने अड़ियल रुख अपनाते हुए अपनी तरफ गेट खोलने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान प्रशासन के इस फैसले के बाद पुंछ-रावलकोट बस सीमा पार नहीं कर सकी, जिसकी वजह से इसमें बैठे यात्रियों को वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
'राह-ए-मिलन' बस के लिए पाकिस्तान प्रशासन ने नहीं खोले गेट
पाकिस्तान प्रशासन के इस रवैये से पुंछ-रावलकोट के बीच चलने वाली 'राह-ए-मिलन' बस के यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा है। पीओके के मीरपुर में रहने वाले सैयद बुखारी ने बताया कि मैं पुंछ-रावलकोट बस सर्विस से वापस लौट रहा था, लेकिन सीमा पर ही हमें रोक दिया। हमने टिकट भी खरीद लिया, लेकिन पाकिस्तान प्रशासन ने सोमवार को गेट खोलने से मना कर दिया। पाकिस्तान की ओर से गेट नहीं खुलने की वजह से हमें वापस लौटना पड़ा।
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'हमने टिकट भी खरीद लिया, लेकिन सीमा पर ही हमें रोक दिया'
बात दें कि जम्मू और कश्मीर के पुंछ स्थित चक्का दां बाग से रावलकोट के लिए ये बस सेवा संचालित होती है। इस बस सेवा को 'राह-ए-मिलन' नाम दिया गया है। 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद इस बस सेवा को बंद कर दिया गया था। हालांकि करीब एक हफ्ते बंद रहने के बाद 25 फरवरी को एक फिर से ये बस सेवा बहाल हुई। लेकिन सोमवार को एक बार फिर से पाकिस्तान ने 'राह-ए-मिलन' बस के लिए गेट नहीं खोले, जिससे बस सेवा प्रभावित हुई।
2006 में पुंछ-रावलकोट के बीच शुरू हुई थी राह-ए-अमन बस सेवा
सोमवार को बस सेवा प्रभावित होने पर यात्रियों ने कहा कि बस की टिकट खरीदने के बाद अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से गेट नहीं खोले जाने के कारण बस सेवा रद्द कर दी गई है। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी सौहार्द बढ़ाने के उद्देश्य से साल 2006 में पुंछ-रावलकोट के बीच राह-ए-मिलन बस सेवा की शुरुआत की गई थी। हालांकि सीमा पर तनाव बढ़ने की वजह से कई बार इस बस सेवा को बंद किया गया।
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