भारत में किसान आंदोलन के बीच पाक सेना हाई अलर्ट पर, सता रहा इस बात का डर
इस्लामाबाद। भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के लगातार हो रहे किसान प्रदर्शन के बीच पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। पाकिस्तान ने भारत की सीमा पर तैनात सैनिकों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। पाकिस्तान को डर है कि भारत किसानों के प्रदर्शन से ध्यान बटाने के लिए पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है।
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पाकिस्तान के ट्रिब्यून अखबार की खबर में लिखा गया है कि उच्च स्तरीय सूत्रों से पता चला है कि भारत की सीमा पर तैनात पाकिस्तान सेना के जवानों को हाई अलर्ट पर तैनात रहने को कहा गया है। भारत की सेना किसी भी वक्त सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे सकती है। इसलिए सेना को ऐसी किसी भी कार्रवाई को तुरंत रोकने के लिए तैयार रहने के आदेश दिए गए हैं।
पाकिस्तान
बता
रहा
सिखों
का
प्रदर्शन
अखबार
का
कहना
है
कि
भारत
की
नरेंद्र
मोदी
सरकार
के
खिलाफ
पंजाब
के
सिख
किसान
प्रदर्शन
कर
रहे
हैं।
इसे
कमजोर
करने
के
लिए
और
इस
प्रदर्शन
से
खालिस्तान
आंदोलन
को
ऑक्सीजन
न
मिले
इसलिए
नरेंद्र
मोदी
सरकार
कुछ
भी
कर
सकती
है।
इन
प्रदर्शनों
से
ध्यान
बटाने
के
लिए
भारतीय
सेना
पाकिस्तान
में
सर्जिकल
स्ट्राइक
को
भी
अंजाम
दे
सकती
है।
दूसरे
देशों
में
आंदोलन
पर
चर्चा
भारत
में
हो
रहे
किसानों
के
प्रदर्शन
पर
दूसरे
देशों
में
रहने
वाले
भारतीयों
के
साथ
ही
कई
देशों
के
नेताओं
ने
भी
अपने
बयान
दिए
हैं।
सबसे
पहले
कनाडा
के
प्रधानमंत्री
जस्टिन
ट्रूडो
ने
किसान
आंदोलन
के
समर्थन
में
बयान
दिया
था।
वहीं
ब्रिटेन
और
अमेरिका
के
राजनेताओं
ने
भी
आंदोलन
को
समर्थन
दिया
है।
लेकिन
ये
पहली
बार
है
जब
पड़ोसी
देश
से
किसान
आंदोलन
को
लेकर
किसी
तरह
की
तैयारी
की
बात
सामने
आई
है।
किसान
आंदोलन
के
चलते
पाकिस्तान
डरा
हुआ
है।
बॉर्डर
पर
सैनिकों
को
हाई
अलर्ट
ये
दिखा
रहा
है
कि
पाकिस्तान
के
अंदर
सर्जिकल
स्ट्राइक
का
डर
बैठा
हुआ
है।
दिल्ली
बॉर्डर
पर
डटे
हैं
किसान
केंद्र
सरकार
द्वारा
लाए
गए
तीन
कृषि
कानूनों
के
खिलाफ
हजारों
की
संख्या
में
किसान
दिल्ली-हरियाणा
से
लगे
सिंघु
बॉर्डर
पर
पिछले
12
दिनों
से
बैठे
हुए
हैं।
इन
किसानों
की
मांग
है
कि
सरकार
तीनों
कृषि
कानून
वापस
ले।
इस
बीच
सरकार
और
किसानों
के
बीच
5
दौर
की
बातचीत
बेनतीजा
होने
के
बाद
मंगलवार
को
किसान
गृहमंत्री
अमित
शाह
से
मिले
थे।
बुधवार
को
केंद्र
सरकार
ने
लिखित
प्रस्ताव
भेजा
जिसे
किसानों
की
बैठक
में
नामंजूर
कर
दिया
गया।
इसके
बाद
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
कर
किसानों
ने
आगे
की
योजना
का
ऐलान
कर
दिया।
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