हर मोर्च पर अलग-थलग पड़े पाक पीएम इमरान खान को हटा सकती है सेना
बेंगलुरू। जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर एक के बाद एक सभी मोर्च पर शिकस्त दर शिकस्त खा रहा पाकिस्तान अब भस्मासुर मोड में पहुंच लगा लगता है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से लेकर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयान ने खुद पाकिस्तान की असलियत को सबके सामने ला दिया है।
पाकिस्तानी पीएम इमरान खान भारत को धमकी देते समय ऑन द रिकॉर्ड यह कहते हुए पकड़े जाते हैं कि पुलवामा में आतंकी हमला पाकिस्तान की शह पर वहां मौजूद जैश ए मोहम्मद ने करवाया। इतना ही नहीं, इसी दौरान इमरान खान भारत में पुलवामा से बड़ा हमले का संकेत भी दे रहे होते है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में भारत के खिलाफ बयान देने की जल्दी में ऑन द रिकॉर्ड यह स्वीकार कर लेते हैं कि जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् में पाकिस्तान की किरकरी यही खत्म नहीं हुई। वहीं मौजूद पीओके के नेता सेंग सेरिंग ने पाक द्वारा जबरन कब्जाए कश्मीर को भारत का हिस्सा बतला दिया।
Senge H Sering, Gilgit-Baltistan activist at the 42nd session of UNHRC in Geneva: Gilgit-Baltistan is part of India. Members of the United Nations need to realise that Pakistan has become a big stumble block for last 70 years. pic.twitter.com/VNymxIRtkL
— ANI (@ANI) September 11, 2019
बैठक में सेंरिंग ने गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का एक हिस्सा बताते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को यह जानने की जरूरत है कि पाकिस्तान पिछले 70 वर्षों से कश्मीर में शांति बहाली में एक बड़ा रोड़ा बना हुआ है। भारत द्वारा लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने पर उम्मीद जताते हुए सेरिंग ने कहा रि एक दिन गिलकित और बाल्टिस्तान में भी लद्दाख जैसा विकास और राजनीतिक मॉडल लागू होगा।
गौरतलब है पाकिस्तान पिछले 70 वर्षों से भारत से कश्मीर की लड़ाई लड़ रहा है और कश्मीर पर कब्जे के लिए आंतकी तैयार किए और भारत में घुसपैठ करवाकर आंतकी हमलों को अंजाम दिया है। हालांकि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर खुद को निर्दोष बताने की खूब कोशिश करता आया है, लेकिन पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के कुबूलनामें ने पाकिस्तानी को पूरी दुनिया में नंगा कर दिया।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा किया गया यह कुबूलनामा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान सरकार के आंतक पोषित एजेंडे को साबित करने के लिए काफी है। हालांकि भारत हर आंतकी हमले के बाद अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की करतूत मय सबूत सौंपता आया है। चाहे वह 26/11 का आंतकी हमला हो अथवा पुलवामा जैसे अन्य आतंकी हमले हों।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा अंतरराष्ट्रीय फोरम पर जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बताना यह दर्शाता है कि पाकिस्तानी सियासतदान महज राजनीति के लिए कश्मीर मुद्दे को जिंदा रखा हुआ, क्योंकि वो खुद भी जानते हैं कि पाकिस्तान ने जबरन कश्मीर पर अपना दावा करता आया है और पिछले 70 वर्षों से अपने झूठे दावों से पाकिस्तानी अवाम को ठगता रहा है। लेकिन भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य से विशेष दर्जा छिनने के बाद से पाकिस्तान में राजनीति के लिए बुना यह मुद्दा पाकिस्तानी नेताओं के हाथ से छिन गया है।
कहीं न कहीं पाकिस्तानी नेताओं को अब लग गया है कि पाकिस्तान के हाथ से कश्मीर का मुद्दा पूरी तरह से छिन गया है इसलिए कश्मीर का सच एक के बाद एक नेताओं के मुंह से बरबस निकल रहा है। यह बात पाकिस्तान के कई नेताओं के बयान से समझा जा सकता है। पाकिस्तानी नेता भी मान चुके हैं कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के हाथ में कुछ लगने वाला नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान को कोई भी बड़ा देश सपोर्ट नहीं करने वाला है।
इतना ही नहीं, पाकिस्तान के साथ कोई मुस्लिम देश भी खड़ा नहीं है, जो उसे कश्मीर मसले पर समर्थन सके। उनका कहना है कि सभी देशों के साथ भारत के कारोबारी एवं रणनीतिक हित जुड़े हैं इसलिए वो कभी पाकिस्तान के समर्थन में नहीं आएंगे।
बताया जा रहा है कि कश्मीर के मामले में किसी भी देश से मदद नहीं मिलने से पाकिस्तान के आला नेता और सेना अधिकारी दोनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से बेहद नाराज हैं और पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे बलौच और पश्तूनी भी इमरान सरकार का विरोध कर रहे हैं। बीते कई दिनों से सड़क पर उतरकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे बलौच और पश्तूनों का कहना है कि पाकिस्तान उन पर बर्बरता करता है और वो खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं, जहां उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिष्द के सदस्यों के सामने पीओके नेता सेरिंग द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान को भारत का हिस्सा बताना और पाकिस्तान पर आरोप लगाना कि पिछले 70 वर्षों से कश्मीर में शांति बहाली में पाकिस्तान एक बड़ा रोड़ा बना हुआ है, भारत के खिलाफ पाकिस्तानी झूठ को बेनकाब करने के लिए काफी है।
हर मोर्च पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की पराजय से तंग पाकिस्तानी सेना तख्तापलट के मूड में आ चुकी है। इमरान खान का नया पाकिस्तान तो नहीं बना उल्टा कश्मीर की सियासत भी हाथ से जाता देख वहां का विपक्ष भी इमरान खान सरकार के खिलाफ एकजुट हो चुका है।
माना जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना अक्टूबर माह में ही इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाकर किसी और की ताजपोशी करने कर सकती है। पाकिस्तानी मीडिया जगत में हो रही सुगबुगाहट पर भरोसा करें तो 27 अक्टूबर तक इमरान खान प्रधानमंत्री रहेंगे उसके बाद उनको पद से हटाकर किसी ऐसे नेता की ताजपोशी की जाएगी और फिर भारत के साथ युद्ध करने की रणनीति बनाई जाएगी।
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