आखिरकार पाकिस्तान ने अपनी धरती पर आतंकियों की मौजूदगी कबूल की
नई दिल्ली- सोमवार को पाकिस्तानी सेना ने मान लिया कि उसकी धरती पर आतंकवादी और जिहादी तत्व मौजूद हैं। अब पाकिस्तान को यह भी अहसास हो गया है कि आतंकवाद को मिटाने के लिए उसे बहुत कुछ करने की जरूरत है।
आतंकवाद के खिलाफ बहुत कुछ करना है- पाकिस्तान
पाकिस्तान के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स (ISPR) के डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि, "हमारे यहा गैरकानूनी हिंसक चरमपंथी संगठन और जिहादी ग्रुप हैं और हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।" उन्होंने ये भी कहा कि वहां की पिछली सरकारें आतंकवाद पर लगाम कसने में नाकाम रहीं, जिसके चलते इस्लामाबाद ने काफी नुकसान भुगता है और लाखों डॉलर गंवा दिए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि,"अभी भी आतंकवाद के खिलाफ बहुत कुछ किया जाना है।" गफूर ने सफाई दी कि पहले पाकिस्तानी एजेंसियों ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठीक से अभियान नहीं चलाया, लेकिन अब वहां इन संगठनों के खिलाफ रणनीति बनाकर कार्रवाई की जा रही है। अलबत्ता इस दौरान पाकिस्तान, भारत पर आरोप लगाने वाली अपनी हरकत से बाज नहीं आया। गफूर ने रॉ (RAW) पर पश्तुन तहाफुज मूवमेंट (PTM) के लिए फंडिंग करने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि यह पाकिस्तानी सेना द्वारा पश्तुन समुदाय के ऊपर किए जाने वाले जुल्म के खिलाफ एक मानवाधिकार मूवमेंट है।
पाकिस्तान ने अपनी झूठ मान ली है
अब पाकिस्तान ने यह भी आधिकारिक तौर पर मान लिया है कि बालाकोट के बाद पाकिस्तान के साथ हुए दोनों देशों के फाइटर जेट्स के बीच हुए डॉग फाइट के दौरान सिर्फ एक ही इंडियन एयर फोर्स पायलट पाकिस्तान की धरती पर उतरा था। गफूर ने पाकिस्तान के असमंजस को स्वीकार करते हुए कहा कि, "शुरुआत में हमें प्रॉपर चैनल से सूचना मिली थी। तब मैंने निजी तौर पर पाया कि सिर्फ एक ही आदमी पकड़ा गया है और मैंने ही वह भूल सुधार कर ली।" गौरतलब है कि उस दिन खुद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भारत के दो पायलट के पकड़े जाने का दावा किया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भारी दबाव में विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को अगले दिन ही भारत को सौंप दिया था, जो पाकिस्तानी फाइटर जेट एफ-16 का पीछा करते हुए पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हो गए थे और उससे पहले उन्होंने एफ-16 (F-16) को मार गिराया था। जबकि, दूसरे पायलट वाले झूठ पर चुप्पी साध ली थी।
भारत के दबाव का नतीजा
पाकिस्तान का यह बदला हुआ नजरिया इसलिए मायने रखता है, क्योंकि भारत ने साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान अपने यहां चलने वाले आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक उसके साथ किसी तरह की बातचीत संभव नहीं है। 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद भारत ने अपना स्टैंड और कड़ा कर लिया है और दुनिया भर में पाकिस्तान की नकेल कसने के लिए लॉबिंग कर रहा है। इस घटना के बाद 26 फरवरी को इंडियन एयरफोर्स के विमान पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट के आतंकी कैंप्स पर कार्रवाई भी करके आ चुके हैं, जहां पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का जिहादी ट्रेनिंग कैंप चल रहा था।
हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने भारत को ये गीदड़ भभकी भी दी है कि भारत उसके 'धैर्य की परीक्षा न ले, क्योंकि तब उसने भारत की कार्रवाई का जवाब इसलिए नहीं दिया था, कि वह शांति चाहता है।'