डीजीएमओ लेवल की बातचीत में भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को नकारा
18 सितंबर 2016 में जम्मू-कश्मीर स्थित बीएसएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते तल्ख हैं।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के निवेदन पर सोमवार को भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत हुई, ये बातचीत पहले से निर्धारित नहीं थी। इस बातचीत के दौरान पाकिस्तान के डीजीएमओ ने आरोप लगाया कि भारतीय सुरक्षाबलों ने नियंत्रण रेखा पर उकसावे के फायरिंग की। जिसे भारत की तरफ से नकार दिया गया। भारतीय डीजीएमओ ने कहा कि भारतीय सैनिकों द्वारा जवाबी गोलीबारी केवल पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवादियों के समर्थन में की जाने वाली फायरिंग के जवाब में करती है। उन्होंने ये साफ किया कि भारतीय सेना सभी मानकों के अनुरूप कार्य करती है और कभी भी नागरिकों को निशाना नहीं बनाती है।
18 सितंबर 2016 में जम्मू-कश्मीर स्थित बीएसएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते तल्ख हैं। उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सीमा पार करके की गयी सर्जिकल स्ट्राइक में कई आतंकवादियों और आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था।
आपको बता दें कि 12 अक्टूबर को महानिदेशक मिलिट्री ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट ने कहा था कि भारतीय सेना देश की रक्षा में पूरी तरह से सक्षम है। देश की रक्षा में सेना को जो भी टास्क मिलेगा, वह पूरी ईमानदारी व बहादुरी से निभाएगी। मसूरी के सेंट जॉर्ज कॉलेज के वार्षिक खेल समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए डीजीएमओ ले.ज. अनिल कुमार भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में सेना के आवागमन को सुगम बनाने के लिए भारतीय सेना और सरकार लगातार गंभीरता से कार्य कर रही हैं।
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