Padmavati controversy: एक नाचने वाली से डर गए हैं सब, अंग्रेजों के एजेंट थे राजा और नवाब
Recommended Video
रामपुर। फिल्म 'पद्मावती' का विवाद अब पूरी तरह से राजनीति के रंग में रंग गया है, नेताओं की बेबाक टिप्पणी ने आग में घी का काम किया है और इसी क्रम में विवादित टिप्पणी में महारथ हासिल करने वाले सपा के कद्दावर नेता आजम खां ने कुछ ऐसा कहा है जिस पर काफी बवाल पैदा हो सकता है। रामपुर की एक सभा में आजम खां ने कहा कि फिल्में केवल आनंद उठाने के लिए होती हैं, ना कि इतिहास और भूगोल तय करने के लिए नहीं, हम पिछले 40 सालों से यही चिल्ला रहे हैं कि भारत के तमाम नवाब और राजा अंग्रेजों के एजेंट थे। नवाबों की नवाबी चली गई और राजाओं की विरासत लेकिन उन्होंने कभी भी इन चीजों का विरोध नहीं किया, बल्कि अंग्रेजों का बस्ता उठाकर पीछ-पीछे चलते रहे और आज वो ही लोग इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं। सच तो ये है कि देश के राजा साहब ( उनका इशारा सीएम योगी और पीएम मोदी की ओर था) फिल्म में डांस करने वाली नचनियां से इतना डर गये हैं कि बड़ी-बड़ी पगडियां लगवाकर लोगों से फिल्म का विरोध करवा रहे हैं, इन लोगों को सच पच नहीं रहा।
सिनेमा केवल मनोरंजन का जरिया
आजम खां की जुबान यही नहीं रूकी, उन्होंने कहा कि हिंदी सिनेमा की महान फिल्म मुगल-ए-आजम की कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इतिहास में कहीं भी सलीम-अनारकली का जिक्र नहीं, फिल्म में बाप-बेटे का युद्द दिखाया गया है लेकिन कभी किसी मुसलमान ने इस फिल्म का विरोध नहीं किया क्योंकि उनकी नजर में सिनेमा केवल मनोरंजन का जरिया है और किसी भी मुसलमान का दिल इतना छोटा नहीं है की वो एक फिल्म के आधार पर अपना इतिहास तय करे, मुसलमानों की दरिया दिल इसी बात से देखी जा सकती है कि रामपुर ने दो बार 'नौ लखा' गाने वाली एक अदाकारा दो बार एमपी बनाया है। (उनका इशारा जयाप्रदा की ओर था )
राजपूत रानी की गलत छवि
आपको बता दें कि फिल्म 'पद्मावती' के विरोध को देखते हुए अब फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज नहीं हो रही है, फिल्म का विरोध करने वाले करणी सेना के चीफ का कहना है कि फिल्म में राजपूत रानी की गलत छवि पेश की गई है।
दीपिका एक नाचने वाली
करणी सेना के अनुसार दीपिका एक नाचने वाली है। अगर फिल्म को रिलीज किया गया तो हम सिनेमाघर जला देंगे। पद्मावती को लेकर देशभर में कई जगह राजपूत संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्नाटक के बेंगलुरु में भी सेना कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर गुस्सा जाहिर किया।
राजपूतों के मान और सम्मान से कोई खिलवाड़ नहीं
भंसाली ने ये फिल्म 700 सौ साल पुराने एक इतिहास पर बनाई है, फिल्म में में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के रिश्ते को दिखाया गया है, कहा जा रहा है फिल्म खिलजी के एक तरफा प्यार की कहानी कहती है, फिल्म में खिलजी और रानी पद्मावती का एक ड्रीम सिक्वेंस हैं लेकिन फिल्म की स्क्रीनिंग देखने वाले कुछ पत्रकारों का कहना है कि फिल्म में राजपूतों के मान और सम्मान से कोई खिलवाड़ नहीं हुआ है और ना ही अलाउद्दीन खिलजी का महिमा मंडित किया गया है, फिल्म का विरोध अल्पज्ञान की वजह से हो रहा है लेकिन विरोधीगण मानने को तैयार नहीं।
Padmavati controversy: कर्नाटक दीपिका के साथ, वो हमारी शान, उसकी खिलाफत बर्दाश्त नहीं- सिद्धारमैया