पद्मावत: हिरासत में लिया गया करणी सेना प्रमुख, स्कूली बस पर हमले में SIT गठित
संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावत की रिलीज के दौरान हंगामा करने वाले लोगों पर अब कानून का शिंकजा कसने लगा है।
नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावत की रिलीज के दौरान हंगामा करने वाले लोगों पर अब कानून का शिंकजा कसने लगा है। शनिवार को पुलिस ने गुरुग्राम में पद्मावत के खिलाफ हुई हिंसा के मामले में करणी सेना के प्रमुख ठाकुर कुशलपाल सिंह को हिरासत में ले लिया। इससे पहले पुलिस ने गुरुवार को करणी सेना के नेता सूरजपाल अम्मू को गिरफ्तार किया था। सूरजपाल अम्मू को गुरुग्राम कोर्ट ने 29 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि वह कानून को हाथ में लेने वाले लोगों से सख्ती से निपटेगी।
स्कूली बस पर हमले की जांच करेगी एसआईटी
वहीं, पद्मावत पर विरोध-प्रदर्शन के दौरान गुरुग्राम में स्कूली बच्चों की बस पर हुए हमले के मामले में भी सरकार सख्त नजर आ रही है। इस मामले की जांच के लिए डीसीपी साउथ की देखरेख में एक एसआईटी का गठन किया गया है। आपको बता दें कि बुधवार को पद्मावत फिल्म पर मचे बवाल के बीच कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्कूली बच्चों की बस पर भी हमला किया था। प्रदर्शनकारियों ने बस पर पत्थर मारे, जिसमें बस के कई शीशे टूट गए। हालांकि बच्चों को स्कूल स्टाफ ने सुरक्षित बचा लिया। इस मामले में पुलिस 18 लोगों को हिरासत में लिया था, जिन्हें बाद में जेल भेज दिया गया।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में नहीं जाएंगे प्रसून जोशी
फिल्म 'पद्मावत' के विरोध का असर इस बार के जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में भी देखने को मिल रहा है। राजस्थान में 25 जनवरी से शुरू हुए जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में इस बार सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी हिस्सा नहीं लेंगे। प्रसून जोशी का रविवार को इस फेस्टिवल में शामिल होने का कार्यक्रम था। हालांकि जिस तरह से पद्मावत फिल्म के खिलाफ करणी सेना समेत दूसरे राजपूत संगठनों ने मोर्चा खोला, इसमें सेंसर बोर्ड चीफ को भी धमकियां दी गईं, इसके बाद खुद प्रसून जोशी ने इस बार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में नहीं जाने का फैसला लिया।
भारी विरोध के बीच रिलीज हुई पद्मावत
गौरतलब है कि भारी विरोध के बीच पद्मावत 25 जनवरी को पूरे देश में रिलीज हुई। हालांकि हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के सिनेमा मालिकों ने फिल्म को अपने यहां दिखाने से मना कर दिया। इनके अलावा विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बिहार के पटना में भी फिल्म रिलीज नहीं हो पाई। विरोध कर रहे करणी सेना के नेताओं का कहना था कि इस फिल्म में इतिहास के तथ्यों से तोड़-मरोड़ की गई है। इसके अलावा रानी पद्मावती को अपमानित कर उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है।