सीबीआई रिमांड में पी चिदंबरम से 90 घंटे में पूछे गए 450 सवाल
नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया मामले में जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से सीबीआई ने पिछले कई दिनों में तमाम के जवाब मांगे। इस दौरान पी चिदंबरम ने 90 घंटों में सीबीआई के 450 सवालों के जवाब दिए। सूत्रों के अनुसार अधिकतर सवाल फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड बोर्ड से जुड़े सवाल पूछे। सीबीआई ने पूछा कि आखिर कैसे एफआईपीबी की ओर से क्लियरेंस दिया गया। इस दौरान सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के मेल का भी जिक्र किया जो उन्होंने अन्य आरोपियों के साथ साझा किए थे।
कई लोगों के कराया गया सामना
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि वित्त मंत्री ने 2007 में आईएनएक्स मीडिया के को फाउंडर पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी की मदद की थी, जिससे कि उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को इसका लाभ मिल सके। सूत्रों की मानें तो पी चिदंबरम का सामना आईएनएक्स मीडिया मामले में पांच आरोपियों और गवाहों के साथ कराया गया। हालांकि उनका सामना डी सुब्बाराव से नहीं कराया गया जोकि तत्कालीन एफआईपीबी के मुखिया था, जिनकी अगुवाई आईएनएक्स मीडिया के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था।
दो हफ्ते से सीबीआई कस्टडी में
बता दें कि पी चिदंबरम पिछले दो हफ्ते से सीबीआई की कस्टडी में थे, जिसके बाद उन्हें दिल्ली कोर्ट के आदेश के चलते गुरुवार को तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। पी चिदंबरम नो कोर्ट में कहा कि वह ईडी की रिमांड में जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था। इससे पहले एयरसेल मैक्सिस डील मामले में स्पेशल कोर्ट ने अग्रिम जमानत की याचिका को स्वीकार कर लिया था। इस मामले में आरोपी कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है।
वार्ड नंबर 2 में बंद हैं चिदंबरम
पी चिदंबरम को तिहाड़ जेल के सेल नंबर 5 में वार्ड नंबर 02 में रखा गया है। वह 19 सितंबर तक जेल में रहेंगे। चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने अपील की है कि चिदंबरम को अलग से व्यक्तिगत सेल में रखा जाए, जहां वेस्टर्न टॉयलेट और दवा आदि हो क्योंकि उन्हें जे सेक्युरिटी प्राप्त है। बता दें कि आज एयरसेल मैक्सिस केस में सुनवाई कर रही दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बिना कोई अगली तारीख दिए मामले की सुनवाई अनिश्चित काल के लिए टाल दी है। इस मामले की चार्जशीट पर संज्ञान को लेकर शुक्रवार को बहस होनी थी। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से मामले के सुनवाई के लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह में लिस्ट करने की अपील की, जिसपर कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष तारीख पर तारीख मांग कर रहा है।