अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चिदंबरम ने मोदी सरकार को दिए ये सुझाव, किया ये Tweet
नई दिल्ली। भारत के पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार को अधिक कर्ज लेने का सुझाव दिया है और इसके साथ ही चिदंबरम ने धन जुटाने के कुछ उपाय भी सुझाए हैं, उन्होंने इस बारे में एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने 50 प्रतिशत गरीब परिवारों को नकद हस्तांतरित करने की बात कही है।
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चिदंबरम ने ट्वीट में चार प्वाइंट एड किए हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि सबसे गरीब 50 प्रतिशत परिवारों को कुछ नकदी हस्तांतरित करें, ऐसे सभी परिवारों को खाद्यान्न दें, जिन्हें इसकी आवश्यकता है, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर खर्च बढ़ाएं, मजदूरी भुगतान में उपयोग करें, बड़े सार्वजनिक निर्माण कार्य शुरू करें, बैंकों का पुनर्पूंजीकरण करें, जिससे वे अधिक उधार दे सकें और राज्यों की जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान करें।
पी चिदंबरम ने पूछा मोदी सरकार से सवाल
मालूम हो कि इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि इकनॉमी में अब अटकलों की कोई गुंजाइश नहीं है, हम अप्रैल-जून तिमाही में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्था हैं, सरकार के गलत रवैये की वजह से भारत को यह भुगतना पड़ रहा है, यही नहीं चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोरोना महामारी को लेकर उनके दावों और जमीनी सच्चाई में फर्क पर भी जवाब मांगा था। चिदंबरम ने कहा है कि महामारी जब शुरू हुई तो प्रधानमंत्री ने कहा था कि 21 दिन में इस बीमारी को हरा देंगे, आज दूसरे देश काफी हद तक कोरोना से पार पा चुके हैं लेकिन भारत की स्थिति खराब है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को ये बताना होगा कि कोरोना से निपटने में दूसरे देश सफल दिख रहे तो भारत क्यों असफल रहा है।
गौरतलब है इससे पहले राहुल गांधी ने भी जीडीपी को लेकर मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया था, उन्होंने ट्वीट किया था कि जीएसटी यूपीए सरकार का आइडिया था। इसका मकसद एक टैक्स, कम से कम टैक्स और साधारण टैक्स था, जबकि एनडीए सरकार का जीएसटी एकदम अलग है, क्योंकि अब चार अलग-अलग टैक्स हैं। इसके अलावा ये समझने में भी काफी मुश्किल है। राहुल गांधी ने कहा कि ये जीएसटी में चार अलग-अलग स्लैब क्यों है, ताकी जिसकी पहुंच हो वो कम जीएसटी वाले में आ जाए। इसके अलावा जिसकी पहुंच ना हो वो जीएसटी के बारे में कुछ ना कर पाए। दरअसल GDP में ऐतिहासिक गिरावट का एक और बड़ा कारण है- मोदी सरकार का गब्बर सिंह टैक्स (GST)।
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