नोटबंदी का फैसला खोदा पहाड़ निकली चुहिया- पी चिदंबरम
पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम में नोटबंदी के फैसले पर केंद्र सरकार पर जमकर बोला हमला, नोटबंदी के फैसले को बताया खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
नई दिल्ली। पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह फैसला निरर्थक साबित हुआ है। उन्होंने पीएम मोदी पर नोटबंदी के फैसले पर निशाना साधा। इस फैसले से प्राकृतिक आपदा से भी अधिक नुकसान हुआ है।
अगर पूरा पैसा बैंक में आया तो क्या फायदा
चिदंबरम ने कहा कि अभी तक 13 लाख करोड़ रुपए बैंक में आ चुका है, ऐसे में अगर पूरा 16 करोड़ रुपए बैंक में आ जाए तो इस नोटबंदी का क्या फायदा। ऐसे में यह फैसला खोदा पहाड़ निकली चुहिया साबित हुआ है।
आम
आदमी
को
उठाना
पड़ेगा
नुकसान
किसी
भी
बैंक
के
पास
पैसा
नहीं
है,
बिना
सही
आंकलन
के
लिए
फैसले
की
घोषणा
की
गई।
इसीलिए
पूर्व
प्रधानमंत्री
ने
इस
फैसले
को
बड़ी
भूल
बताया
था।
आरएसएस
के
एक
व्यक्ति
ने
कहा
कि
2000
रुपए
के
नोट
बंद
कर
दिया
जाएगा,
ऐसे
में
लोगों
से
कहा
गया
कि
2000
रुपए
के
ने
नोट
पर
जीवन
चलाइए
लेकिन
गरीब
आदमी
को
ही
इसका
नुकसान
उठाना
पड़ेगा।
2000
के
नोट
जारी
करने
का
सरकार
के
पास
जवाब
नहीं
चिदंबरम
ने
कहा
कि
केंद्र
सरकार
के
पास
इस
बात
का
जवाब
नहीं
है
कि
2000
रुपए
के
नोट
क्यों
जारी
किया
उसका
आपके
पास
जवाब
नहीं
है,
500
रुपए
के
नोट
को
बंद
करने
का
आपके
पास
कोई
वाजिब
वजह
नहीं
है।
किसानों
की
कमर
टूटी
किसानों
को
काफी
मुश्किलों
का
सामना
करना
पड़ा
रहा
है,
खाद,
बीज
खरीदने
के
लिए
किसानों
के
पास
पैसा
नहीं
है।
किसानों
की
माली
हालत
बदतर
हो
गई
है,
इनके
नुकसान
की
भरपाई
कौन
करेगा।
45
करोड़
लोगों
को
भारी
नुकसान
हर
शहर
में
एक
नाका
और
चौक
होता
है
जहां
मजदूर
नौकरी
के
लिए
आते
हैं
और
उन्हें
काम
नहीं
मिल
रहा
है।
45
करोड़
लोग
इस
देश
में
रोजाना
की
इंकम
पर
निर्भर
हैं,
लेकिन
इन्हें
पैसा
नहीं
मिल
रहा
है,
इनकी
जिम्मेदारी
कौन
लेगा।
15 करोड़ लोग दूसरों पर निर्भर है, जबकि 30 करोड़ लोग प्लंबर, फूलवाला, दुकानदार आदि हैं जो अपना काम करते हैं, इनके नुकसान की भरपाई कौन करेगा।
हर
प्रबुद्ध
वर्ग
ने
फैसले
को
गलत
बताया
सभी
बड़े
अखबारों,
अर्थशास्त्रियों
ने
इस
फैसले
के
गलत
बताया
है,
अभी
तक
बैंक
लाइन
में
91
लोगों
को
मौत
हो
चुकी
है।
मुझे
लगता
है
कि
इस
फैसले
के
बाद
परिस्थिति
बदतर
हो
चुकी
है।
नोटबंदी
से
कोई
फायदा
नहीं
इस
फैसले
के
बाद
प्रधानमंत्री
अपने
गोलपोस्ट
को
बदल
रहे
हैं,
पहले
उन्होंने
इसे
कालाधन,
फिर
आतंकवाद
के
खिलाफ
लड़ाई
और
अब
इसे
कैशलेस
बता
रहे
हैं।
लेकिन
यह
कैसे
मुमकिन
है,
आप
लोगों
को
इंटरनेट
नहीं
दे
सके
हैं।
30
दिनों
से
सबकुछ
बंद
लोग
छोटी
दुकानों
पर
जाते
हैं,
सब्जी
वगैरह
खरीदने
के
लिए।
देशभर
में
सब्जी
मंडी,
स्पोर्ट्स
की
दुकाने,
गुजरात
में
कॉटन
की
दुकान
बंद
है।
पिछले
30
दिनों
से
सबकुछ
बंद
पड़ा
है।
सरकार
के
इस
फैसले
से
अमीर
नहीं
बल्कि
गरीब
लोगों
को
मुश्किल
उठानी
पड़
रही
है।