पी चिदंबरम- हम NIA बिल के खिलाफ नहीं बल्कि आतंकी बताने वाले संशोधन के खिलाफ हैं
नई दिल्ली: कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम में राज्यसभा में एनआईए को ज्यादा अधिकार देने वाले बिल को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यदि आप एनआईए बिल के संशोधन को देखते हैं तो ये कहता है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) को मजबूत किया जा रहा है। ये बिल किसी भी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने और उसे हटाने का अधिकार रखता है। ये एक शरारत है और इसी वजह से हम संशोधन का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम(कांग्रेस) संशोधन का विरोध कर रहे हैं ना कि गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम का। उन्होंने कहा कि जब मैंने साल 2008 में केंद्रीय गृहमंत्री का पद संभाला था। मैंने कहा था कि आतंकवाद विरोधी बिल तीन पैरों पर खड़ा है। एक एनआईए, एक एनएटीजीआरआईडी है और एक एनसीटीसी है। आज हमारे पास एक पैर है। आपने एनएटीजीआरआईडी और एनसीटीसी के बारे में क्या किया है? वे सीमित क्यों हैं?
वहीं कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें(कांग्रेस) को बीजेपी के इरादे पर संदेह है। कांग्रेस ने आतंकवाद से कभी समझौता नहीं किया। इसी वजह से हम कानून लेकर आए थे। बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा आप(बीजेपी) वो हैं जिन्होंने आतंकवाद पर समझौते किया। एक बार रूबिया सईद जी को रिहा करके और एक बार मसूद अजहर को छोड़कर।
P Chidambaram in Rajya Sabha: In 2008 when I took over as Home Minister, I said anti-terrorism will stand on three legs- one is NIA, one is NATGRID and one is NCTC. We have only one leg today, what have you done about NATGRID and NCTC? Why are they in limbo? https://t.co/9R85xdB8Vb
— ANI (@ANI) August 2, 2019
गौरतलब है कि यूएपीए बिल लोकसभा और राज्यसभा में इसी सत्र में पास हो गया है। गौरतलब है कि मुंबई आतंकी हमलों के बाद साल 2009 में यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेसी का गठन किया था। एनआईए विधेयक में मौजूदा संशोधन के बाद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून की अनुसूची चार में संशोधन से एनआईए उस व्यक्ति को आतंकवादी घोषित कर पाएगी जिसका आतंक से संबंध होने का शक हो।