पी चिदंबरम बोले- नीरव मोदी, मेहुल चोकसी जैसे भगोड़ों से कर्ज वसूली के लिए कदम उठाए आरबीआई
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा है कि रिजर्व बैंक को लोन लेकर फरार हुए कारोबारियों से वसूली के लिए कदम उठाने चाहिएं। अगर इसके लिए नियमों में बदलाव की जरूरत है तो नियम में बदले जाएं। 50 विलफुल डिफॉल्टर्स का 68 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्जा राइट ऑफ किए जाने के मामले पर कांग्रेस और भाजपा में चल रही जुबानी जंग के बीच चिंदबरम ने ट्वीट कर ये बात कही है।
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पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने गुरुवार को ट्वीट किया, कर्जमाफी या बट्टेखाते में डाले जाने पर बहस से कोई लाभ नहीं होने वाला है। इससे नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे लोग ही खुश होंगे। नियम इंसानों ने ही बनाए हैं। अगर कोई नियम बनाया जा सकता है, तो उसे खत्म भी किया जा सकता है। अगर गलत हुआ है तो उसे सुधारा जाए। इसका एकमात्र रास्ता है कि रिजर्व बैंक सभी संबद्ध बैंकों को निर्देश दे कि वे अपने बही-खातों में लिखे ब्यौरे को पलटें और भगोड़ों से वसूल नहीं किए जा सके कर्ज को अपनी बही में बकाया कर्ज के तौर पर दिखाकर उनकी वसूली के लिए कदम उठाएं।
इससे पहले चिदंबरम ने सीतारमण से सवाल करते हुए कहा था कि कोई इस बात से इनकार नहीं कर रहा है कि जानबूझ कर कर्ज अदा नहीं करनेवालों पर कर्ज बट्टे खाते में डालने वाला नियम लागू नहीं होना चाहिए। हम उन भगोड़ों के बारे में सवाल कर रहे हैं, जो देश छोड़कर भाग चुके हैं। आप यह नियम नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसों के लिए क्यों लागू कर रहे हैं।
हाल ही में एक आरटीआई में सामने आया है कि देश के बैंकों ने 50 विलफुल डिफाल्टरों का 68,000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज राइट ऑफ किया है। इसमें सबसे टॉप पर मेहुल चौकसी का नाम है। इसके बाद कांग्रेस ने सरकार को निशाने पर लिया है। वहीं सरकार ने यह कहते हुए बचाव किया है कि राइट ऑफ का मतलब कर्ज माफी नहीं है।
मेहुल चौकसी समेत ये हैं वो 50 विलफुल डिफाल्टर, जिनका 68000 करोड़ का कर्ज हुआ माफ