आर्थिक मंदी पर सरकार माने अपनी गलती, मनमोहन सिंह से मांगे सलाह: पी चिदंबरम
नई दिल्ली। देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है। पी चिदंबरम बेरोजगारी और गिरती अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार को अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से डूबती अर्थव्यवस्था को लेकर सुझाव देने की अपील करनी चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि मौजूदा सरकार गरीबों के सबसे ज्यादा खिलाफ है। ग्रामीण भारत और कृषि क्षेत्र की हालत बहुत खराब है। कम से कम यह सरकार इस बात को स्वीकार तो कर ही सकती है कि उन्होंने गलती की है और कह सकती है कि मनमोहन सिंह उन्हें सुझाव दें।
आम
बजट
का
भाषण
सत्यनारायण
की
कथा
थी
पी
चिदंबरम
ने
आम
बजट
को
लेकरक
हैदराबाद
में
छात्रों
को
संबोधित
करते
हुए
यह
बयान
दिया
है।
उन्होंने
कहा
कि
आखिर
क्यों
वित्त
मंत्री
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
देश
की
अर्थव्यवस्था
की
हकीकत
लोगों
के
सामने
नहीं
रखना
चाहती
हैं।
वित्तमंत्री
पर
हमला
बोलते
हुए
चिदंबरम
ने
आम
बजट
के
भाषण
की
तुलना
सत्यनारायण
कथा
से
कर
डाली।
उन्होंने
कहा
कि
अगर
मैंने
सत्यनारायण
की
कथा
पढ़ी
होती
तो
मुझे
पता
होता
कि
उन्होंने
आम
बजट
के
भाषण
के
दौरान
क्या
कहा।
भारत
के
इतिहास
में
पहले
कभी
भी
जीडीपी
लगातार
6
तिमाही
में
नीचे
नहीं
गिरी
है।
सातवें
तिमाही
के
आंकड़े
क्या
होंगे,
मुझे
पता
नहीं
है।
पिछले
8
महीने
से
इनपुट
नीचे
हैं।
लेकिन
यह
सरकार
सच्चाई
को
स्वीकार
नहीं
करती
है।
अर्थव्यवस्था
आईसीयू
में
है
चिदंबरम
ने
नोटबंदी
को
सबसे
बड़ी
भूल
बताते
हुए
कहा
कि
इसकी
वजह
से
लोगों
की
नौकरी
चली
गई।
सरकार
की
दूसरी
सबसे
बड़ी
गलती
जीएसटी
का
गलत
तरह
से
लागू
करना
था।
भारत
की
जीडीपी
8.2
से
नीचे
गिरकर
5
फीसदी
तक
पहुंच
गई।
पूर्व
वित्त
मंत्री
ने
कहा
कि
भारत
की
अर्थव्यवस्था
आईसीयू
में
है।
अर्थव्यवस्था
मरीज
बन
गई
है,
लेकिन
फिर
भी
वित्त
मंत्री
कहती
हैं
कि
अच्छे
दिन
आने
वाले
हैं।
मुझे
उम्मीद
है
कि
मरीज
जल्द
ही
ठीक
होगा।
उन्होंने
कहा
कि
मिड
डे
मील
के
लिए
11000
करोड़
रुपए
आवंटित
किए
गए
थे,
लेकिन
इसके
लिए
सिर्फ
9900
करोड़
रुपए
ही
दिए
गए
हैं।
स्किल
डेवलपमेंट
के
लिए
7200
करोड़
रुपए
का
प्रस्ताव
था,
लेकिन
5700
करोड़
रुपए
ही
दिए
गए।
इसे भी पढ़ें- 'राहुल गांधी अगर प्रधानमंत्री को डंडा मारेंगे तो हम उनको अंडा मारेंगे': रामदास अठावले