MSME's के लिए 3 लाख करोड़ के पैकेज की पी चिदंबरम ने खोली पोल, नितिन गडकरी को दी ये सलाह
नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सहकर्मी मंत्री नितिन गडकरी की चुटकी ली है। दरअसल, मोदी सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के लोन पैकेज का ऐलान किया है। केंद्र की घोषणाओं के बाद कांग्रेस ने लगातार हमलावर रुख अपनाया हुआ है। हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अपने एक बयान में मोदी सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, मंत्री गडकरी का कहना है कि सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों पर एमएसएमई का सेक्टर का 5 लाख करोड़ का बकाया है। उन्होंने कहा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहती हैं कि सरकार ने 45 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को 2 लाख करोड़ का गारंटी फ्री लोन देने का संकल्प लिया है। चिदंबरम ने पूछा कि वित्त मंत्री बताएं कि ऋणदाता कौन है और उधारकर्ता कौन है? क्या दोनों मंत्री पहले अपने खातों का निपटारा करेंगे और एमएसएमई सेक्टर को सरकार की मदद के बिना खुद को बचाने देंगे?
Minister Gadkari says that governments and PSUs owe Rs 5 lakh crore as unpaid dues to MSMEs
Minister Sitharaman says she will offer collateral free loan of Rs 3 lakh crore to MSMEs (numbering 45 lakhs)
So, who is the lender and who is the borrower?!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 15, 2020
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस नेता ने पीएम केयर्स फंड के आवंटन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, सरकार ने फंड से प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित करने का ऐलान किया है। कृपया गलत फहमी में न रहें, यह पैसा प्रवासी मजदूरों के लिए नहीं बल्कि उन मजदूरों की यात्रा आवास, चिकित्सा और भोजन के लिए खर्च किए जाने का ऐलान किया गया है। यह पैसा राज्य सरकारों को दिया जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा था, पीएम केयर्स फंड से निकला पैसा प्रवासी मजदूरों के हाथ में नहीं जाएगा। गांव में नौकरिया नहीं है, प्रवासी मजदूरों के पास कोई काम नहीं है और ना ही कोई आमदनी का जरिया है। सभी बाधाएं पार करके घर पहुंचने के बाद भी वह कैसे जीवित रहेगा और अपना परिवार चलाएगा।
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