महबूबा-उमर पर PSA लगाने पर भड़के चिदंबरम, कहा-ये लोकतंत्र का सबसे घटिया कदम
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) लगा दिया गया है, उमर और महबूबा के खिलाफ की गई कार्रवाई पर पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने गुस्सा जाहिर किया है।
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महबूबा-उमर पर PSA लगाने पर भड़के चिदंबरम
चिदंबरम ने अपना गुस्सा ट्विटर पर जाहिर किया है, उन्होंने इस सिलसिले में दो ट्वीट किए हैं, पहले Tweet उन्होंने लिखा है कि उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य के खिलाफ पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) की क्रूर कार्रवाई से हैरान हूं, आरोपों के बिना किसी पर कार्रवाई लोकतंत्र का सबसे घटिया कदम है, जब अन्यायपूर्ण कानून पारित किए जाते हैं या अन्यायपूर्ण कानून लागू किए जाते हैं, तो लोगों के पास शांति से विरोध करने के अलावा क्या विकल्प होता है?।
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पीएम नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना
जबकि दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि विरोध प्रदर्शन से अराजकता होगी, वह इतिहास और महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला के प्रेरक उदाहरणों को भूल गए हैं, शांतिपूर्ण प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा के माध्यम से अन्यायपूर्ण कानूनों का विरोध किया जाना चाहिए, यह सत्याग्रह है।
जम्मू कश्मीर में पीएसए पहली बार 1978 में लागू किया गया था
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर में पीएसए को पूर्व मुख्यमंत्री स्व शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने साल 1978 में लागू किया था। उन्होंने ये कानून उस समय जम्मू कश्मीर के जंगलों की अवैध कटाई कर रहे लोगों को रोकने के लिए लागू किया था। बाद में इस PSA कानून के इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाने लगा, जिससे राज्य की कानून व्यवस्था को संकट माना जाता है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री 5 अगस्त से नजरबंद हैं।