चिदंबरम बोले- भारत न्याय योजना लागू करने में सक्षम, बताया कैसे गरीब के खाते में डालेंगे 72 हजार
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बताया है कि न्यूनतम आय गारंटी योजना (न्याय योजना) को उनकी पार्टी कैसे जमीन पर लागू करेगी। चिदंबरम ने बुझवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि स्कीम की घोषणा एक पूरे अध्ययन के बाद की गई है और भारत के पास इस योजना को लागू करने की क्षमता है। विषेशज्ञों की टीम इस योजना की रूप-रेखा बनाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी नेे 25 मार्च को वादा किया था कि कांग्रेस अगर आगामी लोकसभा चुनाव जीतती है तो वो न्यूनतम आय गारंटी योजना लेकर आएंगे, जिसके देश के 5 करोड़ गरीब परिवारों को 72,000 रुपए हर महीने दिए जाएंगे।
अगले पांच साल में 400 लाख करोड़ पहुंच जाएगी जीडीपी
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की जीडीपी जिस गति से बढ़ रही है, उससे इसके अगले पांच साल में दोगुने होने की संभावना है। 2019 से 2024 तक भारत की जीडीपी 200 से 400 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगी। न्याय योजना पर भारत की जीडीपी का करीब डेढ़ फीसदी खर्च आएगा। जो कि कोई असहनीय भार नहीं होगा लेकिन गरीबों को ऊपर उठाने में बड़ा कदम होगा। ऐसे में इस योजना को हवा-हवाई कहना ठीक नहीं है।
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1991 के बाद मजबूत हो गई है अर्थव्यवस्था
पी चिदंबरम ने कहा कि न्याय योजना को लेकर हमने अर्थशास्त्रियों से सलाह ली गई है कि कैसे इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। चिदंबरम ने कहा, इस तरह की योजना 30-40 साल पहले लागू नहीं की जा सकती थी। 1991 में सराकार ने उदारीकरण किया उसकी वजह से अर्थव्यवस्था मजबूत हुई और आज ये स्थिति है कि इस तरह की स्कीम को लागू किया जा सके। पी चिदंबरम ने कहा कि हम देश के 20 फीसदी सबसे गरीब परिवारों की पहचना करेंगे, साथ ही घोषणा पत्र में भी इस योजना को शामिल करेंगे।
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राहुल गांधी ने किया है वादा
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को इस योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर देश के हर गरीब परिवार को सालाना 72 हजार रुपए दिए जाएंगे। 12000 रुपए महीने से कम आय वाले परिवारों को न्यूनतम आय गारंटी मिलेगी। राहुल ने इसे दुनिया की अनोखी योजना बताया तो भाजपा ने इसे एक धोखा बताया है। भाजपा की ओर से कहा गया है कि इसे जमीन पर उतारना मुश्किल है।