गृहमंत्री ने साफ क्यों नहीं कहा, हम एनआरसी नहीं करेंगे: पी चिदंबरम
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने कहा है कि नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर पर सरकार देश की जनता को गुमराह करने पर लगी हुई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह कभी सीएए और एनसीआर तो कभी एनपीआर और एनआरसी में कोई संबंध ना होने की बात कह रहे हैं, उन्होंने साफ-साफ ये क्यों नहीं कहा कि हम एनपीआर कर रहे हैं लेकिन हम एनआरसी नहीं करेंगे। उन्हें स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि एनआरसी को खारिज कर दिया गया है।
चिदंबरम ने कहा, सरकार को बताना चाहिए कि हमारे पास असम में एनआरसी का बेहद कड़वा अनुभव है। इसलिए इसे नहीं किया जा सकता। असम में एनआरसी से 19 लाख बेघर हुए। 19 लाख लोगों के बेघर हो जाने से ज्यादा कड़वा अनुभव कुछ नहीं हो सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनपीआर बहुत स्पष्ट रूप से एनआरसी से जुड़ा हुआ है। एनआरसी, एनपीआर और नागरिकता कानून ये सब एक ही सिक्के के अलग पहलू हैं। एनपीआर और एनआरसी के जरिए पहचान कर बाहर कर देंगे। सीएए के जरिए शामिल किया जाएगा।
चिदंबरम ने कहा कि ये सही बात है हमारी सरकार एनरपीआर करने की योजना लाई थी लेकिन वो इससे अलग था। हम लोगों से 15 सवाल पूछने वाले थे। अब 6 चीजें और जोड़ी गई हैं। अब आपके निवास स्थान, आपके पिता और माता के जन्म स्थान, आपके ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, वोटर आईडी और आधार के बारे में भी पूछा जा रहा है, आखिर इन सवालों को क्यों पूछा जा रहा है।
प्रदर्शनों लोगों को भड़काने के भाजपा के आरोपों पर चिंदबरम ने कहा, कांग्रेस ने नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध नहीं भड़काया। हम सीएए के खिलाफ विरोध का मंच तैयार कर रहे हैं और हमें इस पर गर्व है। भाजपा के लोग हम पर विरोध भड़काने के आरोप क्यों लगा रहे हैं, अगर छात्र, युवा, महिलाएं कानून के खिलाफ सड़कों पर आ रहे हैं तो इसमें गलत क्या है।
असम: डिटेंशन कैंप में रखे गए एक और व्यक्ति की मौत, मरने वालों की संख्या हुई 29