IMF के जीडीपी अनुमान पर बोले चिदंबरम, अब मोदी सरकार का हमला झेलने के लिए तैयार रहें गीता गोपीनाथ
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया है। आईएमएफ ने 2021 में विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। वहीं, इस अनुमान के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अब मोदी सरकार के मंत्री आईएमएफ और मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ पर निशाना साधेंगे।
Recommended Video
IMF के जीडीपी अनुमान पर पी. चिदंबरम ने कहा, 'नोटबंदी की आलोचना करने वालों में आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ भी एक थीं। मुझे लगता है कि हमें आईएमएफ और गीता गोपीनाथ पर मोदी सरकार के मंत्रियों के हमले के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद जीडीपी 4.8 फीसदी रहेगी और ये भी कम हो जाए तो हैरानी नहीं होगी।
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक बार फिर चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 160 आधार अंक यानी 1.6 फीसदी घटा दिया है। साथ ही, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 120 आधार अंक यानी 1.20 फीसदी घटाकर 7 फीसदी से 5.8 फीसदी कर दिया है। आईएमएफ ने दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान भारत की जीडीपी को लेकर अनुमान को जारी किया है।
इसके पहले आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष में 6.1 फीसदी बढ़त होने का अनुमान जारी किया था। आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के गैर बैंकिंग वित्तीय सेक्टर में मुश्किल की वजह से घरेलू मांग तेजी से घटी है और कर्ज बढ़त की रफ्तार सुस्त हुई है। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा था कि मुख्य रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में नरमी तथा ग्रामीण क्षेत्र की आय में कमजोर वृद्धि के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान कम किया गया है।
दुनिया की विकास दर हुई धीमी, तो IMF ने इस वजह से भारत को ठहरा दिया जिम्मेदार