GDP के आंकड़ों में फेरबदल को पी चिदंबरम ने बताया मजाक, नीति आयोग पर साधा निशाना
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने जिस तरह से जीडीपी के आंकड़ों में संशोधन किया है, उसपर कांग्रेस के दिग्गज नेता ने जमकर भड़ास निकाली है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इसे मजाक करार देते हुए कहा कि यह एक कुल्हाड़ी मारने के काम जैसा है। चिदंबरम ने कहा कि जिस तरह से जीडीपी के आंकड़ों में संशोधन किया गया है वह एक मजाक है और एनएससी को कमजोर करने जैसा है। नेशनल स्टैटिस्टिक कमीशन एक स्वतंत्र संस्था है जोकि इस बात को सुनिश्चित करती है कि आंकड़े वैश्विक आधार पर आधारित हो और इसे ध्यान में रखते हुए ही जीडीपी का मूल्यांकन किया जाता है।
यह
एक
भद्दा
मजाक
है
चिदंबरम
ने
कहा
कि
नीति
आयोग
के
आंकड़े
मजाक
हैं।
यह
एक
भद्दा
मजाक
है,
वास्तविकता
यह
है
कि
यह
काफी
भद्दा
मजाक
है।
यह
नंबर
कुल्हाड़ी
चलाकर
हासिल
किए
गए
हैं।
अब
जबकि
नीति
आयोग
ने
कुल्हाड़ी
चलाने
का
काम
कर
लिया
है,
समय
आ
गया
है
कि
इस
संस्था
को
ही
खत्म
कर
दिया
जाए।
उन्होंने
कहा
कि
इससे
पहले
आंकड़े
एनएससी
ही
जारी
करता
था,
इसका
क्या
मतलब
है
कि
अब
एनएससी
उस
वक्त
बेकार
हो
गया
था।
नीति
आयोग
का
आंकड़ों
से
लेनादेना
नहीं
नीति
आयोग
पर
निशाना
साधते
हुए
चिदंबरम
ने
कहा
कि
नीति
आयोग
का
आंकड़ों
से
कोई
लेना
देना
नहीं
है,
मुझे
समझ
नहीं
आता
कि
क्या
नीति
आयोग
के
उपाध्यक्ष
राजीव
कुमार
इन
आंकड़ों
को
समझा
सकते
हैं।
नीति
आयोग
के
पूर्व
उपाध्यक्ष
प्रणब
सेन
बिल्कुल
सही
हैं।
उन्होंने
कहा
था
कि
पत्रकारों
के
सवाल
को
राजीव
कुमार
ने
जवाब
देने
लायक
नहीं
बताया
था,
बेहतर
हो
कि
वह
इस
आंकड़ों
पर
बहस
करें
और
इसका
विश्लेषण
करें।
गौर
करने
वाली
बात
है
कि
केंद्र
सरकार
ने
बुधवार
को
जीडीपी
के
नए
आंकड़े
जारी
किए
थे।
घटाए
गए
जीडीपी
के
आंकड़े
नीति
आयोग
ने
यूपी
सरकार
के
कार्यकाल
में
जीडीपी
के
आंकड़ों
में
संशोधन
करते
हुए
इसे
10.3
से
घटाकर
8.5
कर
दिया
है।
जीडीपी
का
यह
आंकड़ा
वर्ष
2011
का
है,
जिसे
नीति
आयोग
ने
घटाया
है।
बुधवार
को
केंद्र
सरकार
द्वारा
जारी
किए
गए
आंकड़े
के
अनुसार
2005-06
और
2011-12
के
आंकड़ों
को
संशोधित
किया
गया
है।
दरअसल
जीडीपी
का
यह
आंकड़ा
पुराने
तरीके
से
निकाला
गया
था।