सीतारमण को अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए क्या करना चाहिए, चिदंबरम बोले- रिजाइन
वित्तमंत्री सीतारमण को चिंदबरम की सलाह- रिजाइन कर दीजिए
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि मौजूदा सरकार अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बुरी तरह से विफल है। जिस तरह का अर्थव्यवस्था का हाल है, उसे देखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को इस्तीफा दे देना चाहिए। अर्थशास्त्री मोंटेक सिंह आहलूवालिया की किताब के लोकार्पण के दौरान बुधवार को चिदंबरम से जब सवाल किया गया कि देश की आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए देश की मौजूदा वित्तमंत्री को क्या करना चाहिए तो उन्होंने जवाब दिया इस्तीफा।
चिदंबरम ने इस दौरान कहा कि कहा भाजपा के लोग कहते हैं उन्हें विरासत में अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता मिली है। वो हमें बताएं कि यूपीए के समय चीजें कहां थी और अब कहा हैं। योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष की किताब 'बैकस्टेज' के लोकार्पण के मौके पर चिदंबरम के अलावा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह भी मौजूद रहे। डॉ. सिंह ने भी इस दौरान मौजूदा सरकार की आर्थिक नीतियों की कड़ी आलोचना की।
मनमोहन सिंह ने कहा, मौजूदा सरकार 'मंदी' शब्द को स्वीकार ही नहीं कर रही है। सरकार आर्थिक मंदी को स्वीकार नहीं कर रही है और वास्तविक खतरा यह है कि अगर समस्याओं की पहचान नहीं की जाएगी तो सुधारात्मक कार्रवाई के लिए विश्वसनीय हल का पता लगाए जाने की संभावना नहीं है। मनमोहन सिंह ने कहा, 2024 तक पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था पर पहुंचाना एक हसीन सपने के सिवा कुछ नहीं है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर बात किए जाने की इससे जुडडे मुद्दों पर बहस होने की जरूरत है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। मनमोहन सिंह ने कहा कि आहलूवालिया की यह पुस्तक देश के विकास में मददगार होगी। उन्होंने कहा, मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने किताब 'बैकस्टेज' में यूपीए सरकार के अच्छे बिंदुओं के साथ ही उसकी कमजोरियों के बारे में भी लिखा है। मोंटेक ने किताब में उन बिंदुओं के बारे में उल्लेख किया है जिससे देश की अर्थव्यवस्था के 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने में मदद हो सकती है। पूर्व पीएम सिंह ने 1990 के दशक में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव, पी चिदंबरम और अहलूवालिया की भूमिका के बारे में भी जिक्र किया।
मनमोहन सिंह का मोदी सरकार पर हमला, कहा- मौजूदा सरकार 'मंदी' जैसे शब्द को नहीं मानती