कोरोना संकट में जीवन रक्षक बनीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें, अब तक पहुंचाई 30 हजार टन से अधिक 'प्राणवायु'
नई दिल्ली, 14 जून। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने देशभर की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। कई राज्यों में दवाई, मेडिकल ऑक्सीजन और बेड की कमी की वजह से पहली लहर के मुकाबले कई गुना कोविड मरीजों ने दम तोड़ा। जानलेवा महामारी के तांडव के बीच मरीजों तक प्राणवायु यानी मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया गया। भारतीय रेलवे ने निरंतर दिन-रात ट्रेनों से देश के कोने-कोने तक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की।
कोरोना की दूसरी लहर पर काफी हद तक काबू पाए जाने के बाद अब रेल मंत्रालय की ओर एक बड़ी जानकारी साझा की गई है। बयान में बताया गया कि महामारी की दूसरी लहर के बीच रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के माध्यम से विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 हजार मीट्रिक टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति की। रेल मंत्रालय के मुताबिक पिछले कुछ महीने में भारतीय रेलवे ने 1734 से अधिक टैंकरों में करीब 20,182 मीट्रिक टन एलएमओ देश के विभिन्न राज्यों में पहुंचाया है।
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इतना ही नहीं कोरोना वायरस के खिलाफ जारी इस लड़ाई में अब तक कुल 421 ऑक्सीजन एक्सप्रेस अपना सफर पूरा कर चुकी हैं। मंत्रालय की ओर से बताया गया कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने अब तक उत्तर प्रदेश में 3797 टन, मध्य प्रदेश में 656 टन, महाराष्ट्र में 614 टन, दिल्ली में 5722 टन, हरियाणा में 2354 टन, राजस्थान में 98 टन, उत्तराखंड में 320 टन, पंजाब में 225 टन, केरल में 513 टन, तेलंगाना में 2972 टन, झारखंड में 38 टन और असम में 480 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। इसके अलावा ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य में क्रमशः 3,600, 3,700 और 4900 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ पहुंचाया है।