इसके कोई सबूत नहीं कि वैक्सीन ओमिक्रॉन से सुरक्षा नहीं दे सकती: ऑक्सफोर्ड
नई दिल्ली, 30 नवंबर: ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने मंगलवार को कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वैक्सीन कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को रोकने में सक्षम नहीं हैं , लेकिन यदि आवश्यक हुआ तो वह एस्ट्राजेनेका के साथ विकसित अपने टीके का एक अद्यतन संस्करण तेजी से विकसित करने के लिए तैयार है। इससे पहले कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी मॉडर्ना के सीईओ स्टीफन बैंसेल ने मंगलवार को कहा कि कोविड की मौजूदा वैक्सीन ओमिक्रॉन के लिहाज से उतनी कारगर नहीं है, जितना यह डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ थी।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने कहा कि अब तक हमारे पास ओमिक्रॉन का सीमित डेटा है।पिछले सप्ताह एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा था कि, वह नए वेरिएंट के प्रभाव का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करेगा। ऑक्सफोर्ड ने बयान में कहा कि, पिछले एक साल में नए रूपों की उपस्थिति के बावजूद, टीकों ने गंभीर बीमारी के खिलाफ बहुत उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान की है और अब तक कोई सबूत नहीं मिले हैं कि ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन सुरक्षा देने में सक्षम नहीं हैं।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने कहा कि , यदि आवश्यक हुआ तो हम वैक्सीन का उन्नत संस्करण के तेजी से विकास के लिए हमारे पास आवश्यक उपकरण और प्रक्रियाएं हैं। इससे पहले मॉडर्ना वैक्सीन कंपनी ने कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए स्पेशल वैक्सीन (ओमिक्रॉन स्पेसेफिक) 2 से 3 महीने में तैयार हो जाएगी। साउथ अफ्रीका में कोरोना के नए वैरिएंट की वजह से दुनिया परेशान है। वैक्सीन कंपनियां अब तक दावे से यह नहीं कह पा रही हैं कि मौजूदा वैक्सीन इस नए वैरिएंट को काबू करने में कारगर साबित होंगी।
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मॉडर्ना के सीईओ की टिप्पणी के बाद नए कोविड-19 वैरिएंट के प्रसार को कम करने के लिए यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले देशों की संख्या बढ़ रही है जबकि इसके वैरिएंट के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को कहा कि इसके संक्रमण बढ़ने का खतरा बहुत अधिक है। डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को कहा था कि ओमिक्रॉन से संक्रमण बढ़ने का खतरा बहुत अधिक लग रहा है और कई देशों ने यात्रा प्रतिबंधों को सख्त किया है। हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि नया वैरिएंट कितना खतरनाक है और क्या यह मौजूदा वैक्सीन्स को बेअसर कर सकता है।