देश में 17 जगहों पर आज से शुरू होगा ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के दूसरे चरण का ट्रायल
नई दिल्ली। कोरोना का संक्रमण देश में लगातार काफी तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में कोरोना वैक्सीन को लेकर सरकार की कवायद तेज हो गई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई कोरोना की वैक्सीन का भारत में आज दूसरे चरण का ट्रायल शूरू होने जा रहा है। पुणे के सीरय इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया आज से दूसरे चरण का ट्रायल शुरू करने जा रहा है। पुणे में स्थित भारती अस्पताल में आज इसका ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद इसका ट्रायल केईएम अस्पताल, बीजे मेडिकल कॉलेज और जहांगीर अस्पताल में किया जाएगा।
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देश
में
17
जगहों
पर
होगा
ट्रायल
वैक्सीन
के
ट्रायल
के
लिए
पूरे
देश
में
17
स्थानों
का
चयन
किया
गया
है,
जिसमे
से
चार
पुणे
में
हैं।
भारती
अस्पताल
ने
350
वालंटियर
को
इस
ट्रायल
के
लिए
चुना
है
जिनकी
उम्र
18
वर्ष
से
अधिक
है।
मंगलवार
की
शाम
पांच
लोगों
का
कोविड
आरटीपीसीआर
और
एंटिबॉडी
टेस्ट
किया
गया
था।
भारतीय
अस्पताल
के
मेडिकल
डायरेक्टर
डॉक्टर
संजय
लालवानी
ने
बताया
कि
अस्पताल
में
पांच
वालंटियर
के
साथ
वैक्सीन
का
ट्रायल
शुरू
किया
जाएगा।
अगर
कोई
भी
इसके
लिए
अयोग्या
पाया
जाता
है
तो
उन्हें
इस
ट्रायल
से
अलग
रखा
जाएगा।
अलग-अलग
अस्पतालों
में
शुरू
होगा
ट्रायल
माना
जा
रहा
है
कि
वैक्सीन
का
ट्रायल
बीजे
मेडिकल
कॉलेज
और
सैसन
जनरल
अस्पताल
में
अगले
हफ्ते
किया
जाएगा।
बीजे
मेडिकल
कॉलेज
के
डीन
डॉक्टर
मुरलीधर
तांबे
ने
बताया
कि
तकरीबन
300
वालंटियर
पर
यह
ट्रायल
किया
जाएगा।
केईएम
अस्पताल
के
में
कुछ
दिन
बाद
इस
वैक्सीन
का
ट्रायल
किया
जाएगा,
हालांकि
वालंटियर
का
चयन
आज
से
ही
शुरू
कर
दिया
जाएगा।
अगले
2-3
दिनों
में
वैक्सीन
का
ट्रायल
किया
जाएगा।
इस
बीच
भारत
के
लिए
अच्छी
खबर
यह
है
कि
रूस
ने
कोरोना
वैक्सीन
के
उत्पादन
के
लिए
भारत
से
संपर्क
साधा
है।
रुस
ने
भारत
के
साथ
मिलकर
कोरोना
की
वैक्सीन
स्पटनिक
का
उत्पादन
करने
की
इच्छा
जाहिर
की
है।
इस
बात
की
जानकारी
खुद
सरकार
की
ओर
से
दी
गई
है,
लिहाजा
माना
जा
सकता
है
कि
सरकार
जल्द
ही
रूस
के
साथ
मिलकर
इस
दिशा
में
कदम
आगे
बढ़ा
सकती
है।
रूस
का
वैक्सीन
को
लेकर
बड़ा
दावा
बता
दें
कि
हाल
ही
में
रूस
की
सरकार
ने
दावा
किया
है
कि
उसने
कोरोना
की
वैक्सीन
को
तैयार
कर
लिया
है
जोकि
कोरोना
से
लड़ने
के
लिए
काफी
कारगर
है।
इस
वैक्सीन
को
गैमलिया
नेशनल
रिसर्च
इंस्टिट्यूट
ऑफ
इपिडेमोलॉजी
एंड
माइक्रोबायोलोजी
ने
तैयार
किया
है।
पिछले
हफ्ते
रूस
के
शोधकर्ताओं
ने
कहा
था
कि
वैक्सीन
का
तीसरे
चरण
का
ट्रायल
चल
रहा
है।
हालांकि
इस
वैक्सीन
का
तीसरे
चरण
का
ट्रायल
पूरा
नहीं
हुआ
है,
लेकिन
रूस
ने
दावा
किया
है
कि
यह
वैक्सीन
कोरोना
के
खिलाफ
काफी
कारगर
है।
रूस
के
साथ
बातचीत
चल
रही
भारत
के
स्वास्थ्य
सचिव
राजेश
भूषण
ने
मंगलवार
को
बताया
कि
जहां
तक
स्पटनिक
V
वैक्सीन
की
बात
है,
रूस
और
भारत
दोनों
ही
देश
इसको
लेकर
आपस
में
बात
क
र
रहे
हैं।
रूस
की
ओर
से
कुछ
शुरुआती
जानकारी
साझा
की
गई
है,
हम
और
विस्तार
से
जानकारी
का
इंतजार
कर
रहे
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
वैक्सीन
एंड
रिसर्च
एंड
डेवलेपमेंट
टास्कफोर्स
की
अध्यक्षता
डॉक्टर
विनोद
पॉल
कर
रहे
हैं
वह
इस
वैक्सीन
को
तैयार
करने
को
लेकर
संभवानाओं
पर
चर्चा
करेंगे।
कमेटी
अपने
सदस्यों
के
साथ
बैठक
करने
के
बाद
अपनी
राय
को
बायोटेक्नोलॉजी
विभाग
व
आईसीएमआर
के
साथ
साझा
करेगी।
40
हजार
लोगों
पर
चल
रहा
ट्रायल
बता
दें
कि
रूस
में
कोरोना
की
वैक्सीन
का
40
हजार
से
अधिक
लोगों
पर
45
मेडिकल
सेंटर
पर
ट्रायल
चल
रहा
है।
रूस
की
कंपनी
रसियन
डायरेक्ट
इंन्वेस्टमेंट
फंड
के
सीईओ
ने
कहा
कि
वैक्सीन
का
उत्पादन
काफी
जरूरी
मसला
है,
हम
भारत
के
दवा
निर्माताओं
से
बात
कर
रहे
हैं
क्योंकि
हमारा
मानना
है
कि
भारत
इसके
उत्पादन
में
सक्षम
है।
बता
दें
कि
इस
वैक्सीन
के
पहले
व
दूसरे
चरण
का
ट्रायल
1
अगस्त
को
पूरा
हो
चुका
है।
इसमे
हिस्सा
लेने
वाले
सभी
वॉलंटियर
अच्छा
महसूस
कर
रहे
हैं।
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