कुत्ते ने पड़ोसियों को काटा तो मालिक को मिली एक साल की जेल, जुर्माना अलग
नई दिल्ली- अगर आप भी घर में पालतू डॉगी रखते हैं या आपके पड़ोसियों के पास डॉगी है तो यह खबर उन सबके लिए बेहद अहम है। क्योंकि, सावधान रहिए कि आपके पालतू कुत्ते ने अगर किसी को काटा या उसपर हमला कर दिया तो यह आपकी जिंदगी में बहुत बड़ी आफत आ सकती है। आपको जेल तक की सजा भुगतनी पड़ सकती है और जुर्माना अलग से भरना पड़ सकता है। हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद की एक अदालत ने एक शख्स को इसी गुनाह में एक साल के लिए जेल की सजा सुना दी है और उसे जुर्माना भी भरने को कहा गया है। कुत्ते के मालिक ने अदालत से हर तरह की गुहार लगाई, लेकिन कोर्ट ने माना कि उससे कुत्ता पालने में लापरवाही हुई है और इसके लिए उसे सजा भुगतनी ही पड़ेगी।
कुत्ते ने किया हमला तो मालिक को हुई जेल
घटना अहमदाबाद के घोडासर इलाके की है। पिछले गुरुवार को एक स्थानीय अदालत ने यहां के निवासी भरेश पांड्या को ऐसे ही मामले में दोषी ठहराते हुए एक साल की सजा सुनाई है। उनका गुनाह ये है कि उनके डॉगी ने उनके पड़ोस में चार लोगों पर हमला कर दिया था। अपने फैसले में अदालत ने कहा है कि हालांकि पांड्या ने खुद लोगों को जख्मी नहीं किया है, लेकिन उन्होंने अपनी डॉगी के गले का पट्टा खोल दिया, जिससे उनकी लापरवाही साबित होती है। क्योंकि, इसी के चलते उनके कुत्ते ने उनके पड़ोस में रहने वाले चार लोगों पर हमला कर दिया। इस मामले में राज्य सरकार के वकील ने पांड्या को अधिकतम दो साल की सजा देने की मांग की थी, क्योंकि उनकी वजह से दूसरों की जान खतरे में पड़ी थी। सरकार का कहना है कि वह इसके जरिए समाज के उन लोगों के लिए एक उदाहरण पेश करना चाहती है, ताकि जो लोग घरों में पालतू जानवर रखते हैं, लेकिन उसपर नियंत्रण रखने में नाकाम रहते हैं।
तीन बच्चों और एक व्यस्क को बनाया था शिकार
दरअसल, 49 साल के भरेश पांड्या के डॉबरमैन 'शक्ति' ने साल 2012 और 2014 के बीच घोडासर के आशापुरी सोसाइटी में उनके चार पड़ोसियों पर हमला कर दिया था। शक्ति ने जिन लोगों पर हमला किया था, उनमें तीन बच्चे और एक व्यस्क अविनाश पटेल शामिल थे। इस घटना के बाद अविनाश ने ही पांड्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। फरवरी, 2014 में दर्ज अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि पांड्या के कुत्ते के हमले की वजह से वह गिर पड़े, जिसकी वजह से उनकी हड्डियां टूट गईं। इस घटना से पहले 'शक्ति' ने पटेल के बेटे जय, उनके भतीजे तकक्षिल और व्योम कायस्थ नाम के एक और बच्चे को भी काट लिया था।
पांड्या पर किस बात के लिए चला मुकदमा?
अविनाश पटेल की शिकायत के बाद पुलिस ने पांड्या पर जानवर रखने में लापरवाही बरतने का मामला दर्ज किया था कि उनकी वजह से दूसरों की जान के लिए खतरा पैदा हुई थी। उनपर आरोप दर्ज किए गए कि उन्होंने रिहायशी इलाके में एक डॉबरमैन का पट्टा खोलकर चार लोगों की जान को जोखिम में डाल दिया था। उनपर पड़ोसियों में अपने पालतू जानवर के जरिए दहशत फैलाने और लोगों को गंभीर रूप से जख्मी करने जैसे आरोप भी दर्ज किए गए थे। हालांकि, इस केस की सुनवाई के दौरान अदालत में उन्होंने खुद को लगातार बेगुनाह साबित करने की कोशिश की।
अदालत ने किस आधार पर सुनाया फैसला?
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में कुल 15 गवाह पेश किए जिसमें पांड्या के पड़ोसियों के अलावा पीड़ित लोगों का इलाज करने वाले सभी डॉक्टर भी शामिल थे। सुनवाई पूरी होने के बाद अहमदाबाद के एडिश्नल चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट यूएन सिंधी ने पांड्या को कसूरवार ठहराया। जब सजा पर बहस शुरू हुई तो सरकारी वकील ने पांड्या को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की मांग की, वहीं पांड्या ने इस आधार पर रहम की अपील की थी कि कैद की सजा जेल में उन्हें कुख्यात अपराधियों के साथ रहने को मजबूर कर देगा। उन्होंने अदालत से सुधरने का मौका देने की भी अपील की। लेकिन, अदालत उन्हें रहम देने के लिए तैयार नहीं हुई और उन्हें एक साल की कैद और 1,500 रुपये जुर्माने की सजा मुकर्रर कर दी।