अथ श्री मणिपुर संपूर्ण चुनाव कथा, एक नजर में अब तक की पूरी कहानी
मणिपुर के विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न कराए गए। 11 मार्च को मतगणना की जाएगी। ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि पूरे चुनाव के दौरान क्या-क्या हुआ जो परिणामों पर असल डाल सकता है।
इंफाल। मणिपुर में विधानसभा चुनाव दो चरणों मे 8 मार्च को संपन्न हो गए। अब परिणाम शनिवार यानी 11 मार्च को सबके सामने आ जाएगा। बता दें कि राज्य में ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है। 2,794 पोलिंग बूथ बनाए गए जो 2012 में संपन्न कराए गए चुनाव से 20.1 फीसदी ज्यादा थे।
2012 में संपन्न कराए गए चुनावों में यहां कांग्रेस को 42, ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 7, लोक जनशक्ति पार्टी को 1, मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी को , नागा पीपुल्स फ्रंट को 5 और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी को 1 सीट मिली थी। मणिपुर में मौजूदा कांग्रेस की सरकार मियाद 18 मार्च 2017 को खत्म हो जाएगी।
खूब हुआ मतदान
मणिपुर में 60 विधानसभा सीटे हैं जिसमें से 34 आरक्षित हैँ। जानकारी दी गई कि यहां 18,07,843 मतदाता हैं। साथ ही चुनाव के पहले मणिपुर में 100% मतदाताओं को फोटो आइडेंटिटी कार्ड जारी कर दिए गए थे। इतना ही 4 मार्च को पहले चरण का मतदान जहां 82 फीसदी हुआ था वहीं 8 मार्च यानी दूसरे चरण में 86 फीसदी मतदान हुआ था। पहले चरण के मतदान में विद्रोहियों के कैंप से भी वोट डाले गए थे। 2012 के बाद ये दूसरी बार है, जब इन कैंपों के लोग वोट डालने के लिए आगे आए थे।
मतदान से पहले 24 फरवरी को निर्वाचन आयोग ने मणिपुर विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी वोबा जोरम को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कहा था।
ईरोम शर्मिला ने भी लड़ा चुनाव
इस चुनाव में खास बात यह रही कि सेना को प्राप्त सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) का 16 सालों तक अनशन करने वाली ईरोम चानू शर्मिला ने भी विधानसभा चुनाव लड़ा। वो राज्य के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के खिलाफ थोबुल सीट से अपनी ही पार्टी पिपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस एलाएंस (PRJA) से प्रत्याशी हैं। शर्मिला की पार्टी से 3 ही प्रत्याशी हैं।
मणिपुर चुनाव के दौरान इकॉनमिक ब्लॉकेड के हालत हो गए थे। इतना ही नहीं एक समय ऐसा भी आया था जब चुनाव संपन्न कराए जाने पर ही संकट उत्पन्न हो गया था। इकॉनमिक ब्लॉकेड पर ईरोम शर्मिला ने कहा था कि यह सिर्फ भाजरपा और कांग्रेस की चाल है कि लोग स्थानीय मु्द्दों से भटक जाएं।
जब राहुल के बयान पर फंस गए मोदी और शाह
चुनाव में प्रचार के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर खुद प्रधानमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी फंस गए थे। दरअसल, पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का मजाक उड़ाना भारी पड़ गया था। राहुल गांधी के जिस 'नारियल जूस' वाले बयान पर दोनों नेताओं ने चुटकी ली थी दरअसल ऐसा कोई बयान उन्होंने दिया ही नहींथा। पीएम मोदी और अमित शाह दोनों ने अलग-अलग जनसभाओं में राहुल गांधी का मजाक उड़ाया और जनता से सवाल किया था कि क्या कभी किसी ने नारियल जूस के बारे में सुना है?
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी इंफाल में एक चुनावी सभा में 'नारियल जूस' को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था , 'कल राहुल बाबा यहां आए थे। उन्होंने कहा कि मणिपुर से नारियल जूस विदेशों में भेजेंगे। क्या अपने नारियल का जूस देखा है? अरे भैया राहुल, यहां नारियल नहीं अनानास होता है।
राहुल ने कहा था
बता दें कि राहुल गांधी ने कहा था, ' यहां आप नींबू उगाते हैं, नारंगी उगाते हैं, अनानास उगाते हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि एक दिन ऐसा आएगा जब लंदन में बैठकर कोई अनानास का जूस पिएगा और उसके लेबल पर देखेगा 'मेड इन मणिपुर'।
ये कहते हैं एग्जिट पोल
मणिपुर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दो एग्जिट पोल भी सामने आए। जो एक दूसरे के बिल्कुल उलट हैं। समाचार चैनल इंडिया टीवी और सी वोटर्स के सर्वे के अनुसार भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन कर सामने आएगी। संभावना जताई जा रही है कि मणिपुर में भाजपा को 25 से 31 सीटें मिल सकती हैं। संभावना है कि कांग्रेस को 17-23 सीटें मिलेंगी। कहा गया है कि अन्य को 9-15 सीटें मिल सकती हैं।
वहीं अंग्रेजी समाचार चैनल इंडिया टुडे और सर्वे एजेंसी एक्सिस के मुताबिक कांग्रेस को 30 से 36, भाजपा को 16-22 और एनपीएफ को 3-5 सीटें मिलने की संभावना है। सर्वे में बताया गया है कि अन्य को 3-6 सीटें मिल सकती हैं।
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