नागरिकता संशोधन एक्ट के समर्थन में उठी आवाज, 1000 से ज्यादा शिक्षाविदों ने जारी किया बयान
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक समेत कई राज्यों में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हैं। इस दौरान कई जगह पर हिंसक प्रदर्शन की भी खबरें सामने आई हैं। इस बीच अब संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में भी आवाजें बुलंद हुई हैं। देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के 1,000 से ज्यादा शिक्षाविदों ने शनिवार को इस एक्ट के समर्थन में एक बयान जारी किया है।
भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 1,000 से अधिक शिक्षाविदों ने अपने बयान में कहा कि 'भुलाए गए अल्पसंख्यकों के साथ खड़े होने और भारत के सभ्यतागत स्वभाव को बरकरार रखने' और, 'धार्मिक प्रताड़ना के कारण भाग कर आने वालों को आश्रय देने' के लिए संसद को बधाई दी है।
वहीं नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में शनिवार को भी विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने बिहार बंद बुलाया। विभिन्न जिलों में आरजेडी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। जहानाबाद में ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया। इससे पहले कानून के विरोध में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई शहरों और दिल्ली में भी आगजनी हुई है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को भी लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। अभी तक यूपी से 12 लोगों की मौत की खबर आ चुकी है।
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