इलेक्शन ड्यूटी से बचने के लिए प्रोफेसरों ने चुनाव लड़ने की मांगी परमिशन
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में लगने वाली इलेक्शन ड्यूटी से बचने के लिए पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के प्रोफेसरों ने एक अनोखा तरीका खोज निकाला है। अब तक विश्वविद्यालय के 100 से अधिक प्रोफेसरों ने पंजाब में 19 मई को होने वाले आम चुनाव लड़ने के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों से अनुमति मांगी है। उधर पटियाला में जिला निर्वाचन आधिकारी द्वारा यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को इलेक्शन ड्यूटी भेजे जाने के फैसले से नाराज यूनिवर्सिटी की टीचिंग फैकल्टी विरोध कर रही है।
फैकल्टी को चुनाव ड्यूटी देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता
वहीं प्रोफेसरों ने दावा किया कि विश्वविद्यालय एक स्वायत्त निकाय है और इसमें नियमों और शर्तों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि टीचिंग फैकल्टी को चुनाव ड्यूटी देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें चुनावी ड्यूटी पर लगाना, विश्वविद्यालय कैलेंडर में प्रदान किए गए राजनीतिक और संवैधानिक जनादेश का स्पष्ट उल्लंघन है और वे तब तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती हैं।
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100 प्रोफेसरों ने चुनाव लड़ने की मांगी अनुमति
टाइम्स ऑफ इंडिया में मंगलवार तक 85 असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसरों ने पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के अधिकारियों को आवेदन प्रस्तुत किए और आग्रह किया कि वे आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। नियमों के अनुसार, चुनाव लड़ने वाले किसी भी फैकल्टी मेंबर को चुनाव ड्यूटी करने के लिए नहीं कहा जा सकता है। इस मामले के चलते यूनिवर्सिटी की अधिकतर टीचिंग फैकल्टी हड़ताल पर चली गई है। इस कारण से यूनिवर्सिटी के रिसर्च और एकेडमिक काम पूरी तरह के ठप हो गए हैं।
प्रोफेसर गए स्ट्राइक पर
विश्वविद्यालय ने अपनी सिंडिकेट बैठक में पहले ही तीन विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों को चुनाव लड़ने की स्वीकृति दे दी थी, लेकिन बाद में कुछ अन्य प्रोफेसरों ने भी चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार मनजीत सिंह निज्जर ने कहा, हमें चुनाव लड़ने के लिए टीचिंग फैकल्टी की ओर से कई आवेदन प्राप्त हुए हैं। कई प्रोफेसरों ने चुनाव ड्यूटी करने के लिए कहे जाने पर विरोध प्रदर्शन किया और उन्होंने इस संबंध में वाइस चांसलर के साथ बैठक की।विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर जेएस बराड़ ने कहा कि फैकल्टी से लगभग 25 आवेदन सोमवार तक जमा किए गए हैं, जबकि अकेले मंगलवार को 85 विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कुछ और आवेदन जमा कर सकते हैं। विरोध कर रहे विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने न केवल परिसर में एक विरोध मार्च निकाला, और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । वहीं वीसी ने शिक्षकों को आश्वासन दिया है कि, वह इस मामले में दखल देंगे और इससे संबंधित उच्च अधिकारियों से इस मामले में बात करेंगे
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