भारत में 1 साल में प्रदूषण से 1 लाख बच्चों की मौत, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 इंडिया के : WHO
नई दिल्ली। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की वजह से जहां लोग बुरी तरह से हैरान-परेशान हैं वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट ने लोगों की परेशानी में दोहरा इजाफा कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में घरेलू और आम वायु प्रदूषण की वजह से 15 साल से कम उम्र के तकरीबन छह लाख बच्चों की मौत हुई, जिसमें से करीब 1,10,00 बच्चों की मौत अकेले हमारे देश भारत में हुई है, यही नहीं दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 भारत में हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट
डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिसकी शीर्षक है 'वायु प्रदूषण एवं बाल स्वास्थ्य: साफ हवा का नुस्खा' , जिसमें कहा कि भारत समेत निम्न और मध्यम आय-वर्ग वाले देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसदी बच्चे 2016 में अतिसूक्ष्म कण (पीएम) से पैदा वायु प्रदूषण के शिकार हुए हैं जो कि एक चिंताजनक विषय है।
भारत में प्रदूषण का लगातार बढ़ना खतरे की घंटी
रिपोर्ट में साफ है कि बढ़ता प्रदूषण भारत को काफी नुकसान पहुंचा रहा है, नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन के विश्व के तीन सबसे बड़े हॉटस्पॉट भारत में हैं और इनमें से एक दिल्ली-एनसीआर में है।
नासा ने शेयर की भयानक तस्वीर
इस रिपोर्ट से पहले अतंरिक्ष एजेंसी NASA ने भी भारत में बढ़ते प्रदूषण की एक सैटेलाइट इमेज शेयर की थी, जो कि प्रदूषण के भयानक स्तर को दिखा रही हैा। नासा द्वारा साझा की गई लाल-लाल डॉट से भरी तस्वीर खतरे की ओर इशारा करती है। तस्वीर बता रही है कि पूरे पंजाब के खेतों में आग लगी हुई है क्योंकि पंजाब-हरियाणा के किसान यहां बड़े पैमाने पर पराली जला रहे थे। जो कि दिल्ली और उसके आस-पास की हवा को बुरी तरह से प्रदूषित कर रहे हैं।
10 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और यहां की वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने भी सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पेट्रोल के 15 साल पुराने और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है।