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जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा वो पूर्व CJI जो पहुंचे संसद

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रंजन गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। बता दें कि राज्यसभा में 12 सदस्यों को राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत किया जाता है। ये सदस्य समाज के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियां होती हैं। जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए थे। अहम बात यह है कि पूर्वोत्तर भारत से सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष पद पर पहुंचने वाले जस्टिस गोगोई पहले व्यक्ति हैं। जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता में बनी सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।

जस्टिस रंगनाथ मिश्रा

जस्टिस रंगनाथ मिश्रा

जिस तरह से जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया गया है, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इससे पहले कभी ऐसा हुआ है, जब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को संसद भेजा गया है। जी हां इससे पहले एक बार ऐसा हुआ है। जस्टिस गोगोई से पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंगनाथ मिश्रा भी संसद पहुंचे थे। कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्यसभा का सदस्य बनाया गया था। वर्ष 1998 से 2004 के बीच कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें राज्यसभा भेजा गया।

जस्टिस पी सतशिवम

जस्टिस पी सतशिवम

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पी सतशिवम को केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। केंद्र की मोदी सरकार ने उन्हें केरल का राज्यपाल नियुक्त किया था। पी सतशिवम को शीला दीक्षित की जगह केरल के राज्यपाल पद की कमान दी गई थी। अगस्त 2014 में पी सतशिवम को केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।

जस्टिस गोगोई ने दिया अयोध्या का फैसला

जस्टिस गोगोई ने दिया अयोध्या का फैसला

जस्टिस गोगोई की बात करें तो फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज बनाए गए। 2011 में वो पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस बने। अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट में आए, जिसके बाद 3 अक्टूबर 2018 को वह सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और 17 नवंबर 2019 तक इस पद पर आसीन रहे। उनकी अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने अयोध्या भूमि विवाद में फैसला सुनाकर अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया।जस्टिस गोगोई ही थे जिन्होंने 10 जनवरी 2018 को तीन अन्य वरिष्ठ जजों के साथ मिलकर तब के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ संयुक्त प्रेस वार्ता की थी। जजों ने आरोप लगाया था कि जस्टिस मिश्रा न्यायपालिका की स्वयात्तता से खिलवाड़ कर रहे हैं।

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English summary
Other former CJI who reached to Parliament except Justice Ranjan Gogoi.
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