'मोदी सरकार-2' का हिस्सा क्यों नहीं बनी जेडीयू, नीतीश ने बताई ये बड़ी वजह
नई दिल्ली। पीएम मोदी के शपथ ग्रहण से ठीक पहले बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने सरकार में शामिल ना होने का फैसला कर सभी को चौंका दिया था। जेडीयू के एक सांसद को मंत्रीपद की शपथ लेनी थी लेकिन नीतीश के ऐलान के बाद जेडीयू नेता ने शपथ ग्रहण नहीं किया। ऐसी खबरें थी कि जेडीयू तीन मंत्रीपद की मांग कर रही थी लेकिन एक ही मंत्रीपद दिए जाने से पार्टी नाराज थी। वहीं, पूरे मामले पर नीतीश कुमार ने बयान देते हुए कहा कि जेडीयू एनडीए के साथ है लेकिन सरकार में वे शामिल नहीं होंगे।
सांकेतिक भागीदार नहीं बनना चाहते- नीतीश
नीतीश कुमार ने कहा, 'जब हमें ये बताया गया कि एक मंत्रीपद दिया जा रहा है तो मैंने कहा कि हमें इसकी जरूरत नहीं, लेकिन मैं पार्टी से इस बारे में बात करूंगा। मैंने सभी से पूछा जिसपर उन्होंने कहा कि ये उचित नहीं है कि हम केवल सरकार में सांकेतिक भागीदार हों। हम लोग साथ हैं, और हम नाराज नहीं हैं।'
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हमनें 3 मंत्रीपद नहीं मांगा था- नीतीश कुमार
तीन सीटों की मांग को लेकर मीडिया में चल रही खबरों पर नीतीश बोले, 'मैं अखबारों में रिपोर्ट देख रहा हूं कि हमने 3 मंत्रीपद की मांग की थी, यह गलत है। हमने कोई ऐसी मांग नहीं की थी।' नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी की राय है कि सरकार में संख्या के आधार पर भागीदारी तय होनी चाहिए। नीतीश ने कहा कि वे एनडीए के साथ हैं और नाराज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार से मिले प्रस्ताव को अपनी पार्टी के समक्ष उन्होंने रखा और सबकी सहमति के बाद ही सरकार में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया।
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बीजेपी का प्रस्ताव मंजूर नहीं- नीतीश
नीतीश कुमार ने कहा कि लोकसभा में हमारी संख्या 16 और राज्यसभा में हम 6 सदस्य हैं। सरकार में भागीदारी अनुपातिक होनी चाहिए और ये पार्टी के नेताओं की भी मांग थी। इसके पहले, कल शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा, 'वे मंत्रिमंडल में जेडीयू के केवल एक व्यक्ति का शामिल करना चाह रहे थे। इसलिए यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक भागीदारी थी। हमने उन्हें सूचित किया है कि यह ठीक है, हमें इसकी आवश्यकता नहीं है। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, हम पूरी तरह से एनडीए में हैं और परेशान नहीं हैं, हम एक साथ काम कर रहे हैं, कोई भ्रम नहीं है।'