MCD चुनाव के बाद बीजेपी के खिलाफ क्या होगी विपक्ष की चाल?
साल 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की करारी हार का मजाक उड़ाने वाले अरविंद केजरीवाल और AAP के दूसरे नेताओं के लिए यह बड़ा सबक है।
नई दिल्ली। नगर निगम चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त जीत के साथ एक बार फिर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लिए अस्तित्व का संकट नजर आ रहा है। दिल्ली में 67 विधायकों वाली आम आदमी पार्टी का हाल इतना बुरा होगा शायद किसी ने सोचा नहीं था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव जीतने वाली बीजेपी के खिलाफ अब विपक्षी पार्टियों को एकजुट होने के लिए एक और सिग्नल मिला है।
केजरीवाल
और
AAP
के
लिए
बड़ा
सबक
साल
2015
में
हुए
दिल्ली
विधानसभा
चुनावों
में
बीजेपी
की
करारी
हार
का
मजाक
उड़ाने
वाले
अरविंद
केजरीवाल
और
AAP
के
दूसरे
नेताओं
के
लिए
यह
बड़ा
सबक
है।
एमसीडी
चुनाव
के
जरिए
बीजेपी
ने
न
सिर्फ
उस
हार
के
बाद
हुई
फजीहत
का
बदला
ले
लिया
बल्कि
केजरीवाल
की
ओर
से
पीएम
मोदी
के
खिलाफ
बोले
गए
कड़वे
बोल
का
भी
करारा
जवाब
दिया।
एमसीडी
चुनाव
के
परिणाम
सामने
आने
के
बाद
अब
विपक्षी
पार्टियों
में
आगे
की
रणनीति
को
लेकर
खलबली
शुरू
हो
चुकी
है।
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मनीष
सिसोदिया
ने
एमसीडी
में
हार
का
ठीकरा
ईवीएम
पर
फोड़ा
कांग्रेस
के
लिए
अस्तित्व
का
संकट
बदलाव
की
राजनीति
के
नाम
पर
सियासत
में
आई
आम
आदमी
पार्टी
के
लिए
ये
हार
बड़ा
झटका
है
तो
वहीं,
कांग्रेस
के
लिए
भी
ये
हार
अस्तित्व
के
संकट
को
दिखा
रही
है।
लगातार
चुनावों
में
मिली
हार
से
मुश्किल
में
आई
कांग्रेस
और
दूसरी
विपक्षी
पार्टियों
के
बीच
इस
चुनाव
की
वजह
से
थोड़ी
नजदीकी
बढ़ने
की
उम्मीद
है।
ये
विपक्षी
पार्टियां
अब
बीजेपी
के
खिलाफ
एकजुट
होकर
चुनावों
में
उतर
सकती
हैं।
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एमसीडी
के
नतीजों
का
भविष्य
की
राजनीति
पर
क्या
होगा
असर?
तेज
हो
सकती
है
बातचीत
आने
वाले
महीनों
में
राष्ट्रपति
चुनाव
को
लेकर
पार्टियों
के
बीच
जंग
छिड़ेगी।
कांग्रेस
अध्यक्ष
सोनिया
गांधी,
वामपंथी
नेता
सीताराम
येचुरी
और
डी.
राजा
के
अलावा
बिहार
के
मुख्यमंत्री
नीतीश
कुमार
के
बीच
बातचीत
का
दौर
तेज
हो
सकता
है।
ये
नेता
बीजेपी
के
खिलाफ
एकजुट
होकर
उतरने
की
रणनीति
पर
जल्द
चर्चा
कर
सकते
हैं।
वहीं,
क्षेत्रीय
पार्टियां
बीजेपी
से
गठबंधन
के
लिए
हाथ
मिलाने
की
उम्मीद
में
हैं।