विपक्षी दलों ने जारी किया साझा बयान- महबूबा, उमर, फारूक अब्दुल्ला को तुरंत रिहा करने की मांग
महबूबा, उमर, फारूक अब्दुल्ला को तुरंत रिहा किया जाए: विपक्ष
नई दिल्ली। पूर्व पीएम एचडी देवगौडा, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी दलों ने सोमवार को केंद्र सरकार से मांग की है कि जम्मू कश्मीर में हिरासत में रखे गए नेताओं की तुरंत रिहाई की जाए। छह से ज्यादा विपक्षी पार्टी के नेताओं की ओर से जो साझा बयान जारी किया गया है। बयान में जम्मू कश्मीर के राजनेताओं, खासतौर से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला की हिरासत पर कड़ा एतराज जताया गया है।
विपक्ष ने अपने बयान में कश्मीर के नेताओं की हिरासत को मोदी सरकार की असहमति की आवाज को दबाने की कोशिश कहा है। पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, सीपीआई नेता डी राजा, सीपीआईएम के सीताराम येचुरी और आरजेडी सांसद मनोज झा की ओर से ये साझा बयान जारी किया गया है।
बयान में कहा गया है, हम कश्मीर में सभी राजनीतिक बंदियों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों (फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की। तीनों नेताओं की हिरासत को बयान में पूरी तरह से गलत कहा गया है।
केंद्र की मोदी सरकार ने बीते साल अगस्त में अनुच्छेद 370 को हटाटे हुए कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित राज्यों में बांट दिया था। कश्मीर में बीते साल अगस्त से ही संचार साधनों पर कई पाबंदियां हैं और मुख्यधारा के ज्यादातर नेता हिरासत में हैं। तीन पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती 5 अगस्त से ही नजरबंद हैं।
जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही भाजपा और केंद्र सरकार लगातार ये कहता रहा है कि वहां स्थिति सामान्य है। जबकि विपक्ष इस पर सवाल उठाता रहा है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि अगर सब ठीक है तो वहां नेताओं के रिहा क्यों नहीं किया जा रहा है।
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