CAB: राज्यसभा में वोटिंग के दौरान विपक्ष में दिखी फूट, उम्मीद से कम पड़े विरोध में मत
नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को नागरिकता संशोधन बिल 2019 (CAB) पास हो गया है। इस विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। विपक्ष इस बिल का लगातार विरोध कर रहा है।
125 सांसदों ने वोट दिया है
राज्यसभा में बिल के पक्ष में 125 सांसदों ने वोट दिया है और 99 ने इसके विरोध में वोट दिया है। हालांकि सरकार को भी उम्मीद थी कि बिल के पक्ष में 124-130 वोट आ ही जाएंगे। हालांकि विपक्षी पार्टियों को बिल के विरोध में जितने वोटों की उम्मीद थी, उससे कम ही मिले हैं। विपक्ष को उम्मीद थी कि विरोध में 110 वोट पड़ेंगे लेकिन 99 पड़े। 223 सदस्यों से सदन में बहुमत के लिए 112 वोट की जरूरत थी।
शिवसेना के तीन सदस्य वोटिंग से पहले चले गए
शिवसेना के तीन सदस्य वोटिंग से पहले ही वॉकआउट कर चले गए। उन्होंने कहा कि सरकार बिल को लेकर चिंता की अवहेलना कर रही है। वहीं एनडीए के जनता दल यूनाइटेड (जेडी-यू), शिरोमणि अकाली दल (एसएडी), एआईएडीएमके ने बिल का समर्थन किया। साथ ही बीजू जनता दल (बीजेडी), तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), वाईएसआर-कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी इसका समर्थन किया।
सेलेक्ट कमिटि के पास भेजने की थी मांग
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए में 64 सदस्य और अलग से 46 सदस्य थे, जो बिल के विरोध में वोट डालते। जैसे तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति और कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया। इनकी कुल संख्या 110 थी लेकिन 98 ही वोट पड़े। एनसीपी के दो सदस्य और समाजवादी और तृणमूल कांग्रेस के एक-एक सदस्य अनुपस्थित थे। इससे पहले बिल के प्रस्ताव के विरोध में 125 वोट पड़े थे, जिसमें इसे सेलेक्ट कमिटि के पास भेजने की मांग की गई थी। जो बाद में नहीं मानी गई।
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