पश्चिम बंगाल में समय से पहले प्रचार रोकने पर चुनाव आयोग ने नहीं दिया संतोषजनक जवाब: विपक्ष
पश्चिम बंगाल में प्रचार रोकने पर EC ने नहीं दिया संतोषजनक जवाब: विपक्ष
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में तय समय से एक दिन पहले चुनाव प्रचार पर रोक को लेकर गुरुवार को विपक्षी पार्टियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, आप सांसद संजय सिंह और दूसरे विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि हम उनके जवाब सें संतुष्ट नहीं है। सिंघवी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अपने फैसले को पक्ष में चुनाव आयोग कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार पर एक दिन पहले रोक लगाने का फैसला किया है। 19 मई के लिए होने वाले मतदान के लिए राज्य में गुरुवार रात दस बजे के बाद प्रचार नहीं किया जाए सकेगा। राज्य में हो रही हिंसा के मद्देनजर चुनाव आयोग ने आर्टिकल 324 का इस्तेमाल करते हुए प्रचार की समय सीमा खत्म होने से लगभग 20 घंटे पहले ही कैंपेन पर रोक का फैसला किया है। नियम के अनुसार प्रचार 17 तारीख को शाम 5 बजे बंद होता, लेकिन अब ये 16 मई को रात 10 बजे से बंद हो जाएगा।
आयोग के इसी फैसले को लेकर विपक्षी दल चुनाव आयोग से मिलने पहुंचे थे। विपक्षी दलों का कहना है कि आयोग नरेंद्र मोदी के हाथों की कठपुतली हो गया है। क्योंकि गुरुवार को मोदी की दो रैलियां राज्य में थीं, इसलिए उनको अपने प्रचार के लिए मौका दिया गया और रात में प्रतार बंद करने का आदेश दिया।
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पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा के बाद चुनाव आयोग के फैसलों पर बीएसपी अध्यक्ष मायावती, कांग्रेस नेता अहमद पटेल, सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी समेत कई विपक्षी नेताओं का कहना है कि चुनाव प्रचार पर रोक के लिए नरेंद्र मोदी की रैली खत्म होने तक का इंतजार क्यों किया गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की ऐसी कोई समस्या नहीं है। यहां अनुच्छेद 324 लागू किया जाना असंवैधानिक और अनैतिक है।
पश्चिम बंगाल हिंसा पर सख्त हुआ चुनाव आयोग, गुरुवार रात 10 बजे से चुनाव प्रचार पर रोक