Union Budget 2018: खाली रहा रियल एस्टेट का हाथ, जानें क्या है हेल्थ और रियल एस्टेट से जुड़े एक्सपर्ट्स की राय
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने 2019 के आम चुनाव से पहले आज आपना दमदार आम बजट पेश किया है। बजट पूरी तरह से गरीब और किसानों को लाभ पहुंचाने वाला रहा। मध्यम वर्गीय को जहां मायूसी हाथ लगी वहीं अन्नदाताओं के चेहरे पर मुस्कान आ गई। नोटबंदी के बाद बीमार चल रहे रियल एस्टेट को भी बजट से कुछ खास हाथ नहीं लगा, लेकिन फिर भी रियल स्टेट से जुड़े जानकर इस बजट को अच्छा मानते हुए 10 में से 8 अंक दे रहे हैं।
ब्रिगेड इंटरप्राइजेज के चेयरमैन और एमडी एमआर जयशंकर
ब्रिगेड इंटरप्राइजेज के चेयरमैन और एमडी एमआर जयशंकर ने मोदी सरकार के इस बजट को 10 में से 8.5 अंक दिए हैं। जयशंकर ने कहा कि सरकार ने सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया। उन्होंने माना कि रियल एस्टेट को इस बजट से कुछ खास हाथ नहीं लगा, लेकिन सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, हेल्थ केयर, इंफ्रा सेक्टर को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया। उन्होंने अपनी इच्छा जताते हुए कहा कि काश थोड़ा फोकस ट्यूरिज्म सेक्टर पर किया जाता तो और बेहतर होता।
पूर्वान्कारा लिमिटेड के एमडी आशीष आर पूर्वान्कारा
वहीं पूर्वान्कारा लिमिटेड के एमडी आशीष आर पूर्वान्कारा ने कहा कि ये बजट भारत के विकास को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बजट में भले ही फिलहाल रियल एस्टेट के लिए कुछ खास राहत न दी गई हो, लेकिन इसके अग्रगामी परिणाम इस सेक्टर के लिए बेहतर होंगे। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल के नोटिफिकेशन के मुताबिक काउंसिल ने क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रियायतें जारी रखी है। सरकार ने इन योजनाओं के तहत जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी कर दी। वहीं 250 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनियों के कॉरपोरेट टैक्स को 25 फीसदी घटाकर छोटे कारोबारियों को राहत दी। उन्होंने कहा कि ये दर्शाता है कि भारत में कॉरपोरेट सेक्टर में पॉजिटिव इंपैक्ट है। उन्होंने कहा कि रूलर इंडिया का डेवलपमेंट हो या बुनियादी ढांचे में वृद्धि, स्वास्थ्य सुविधा हो या शिक्षा सेक्टर या फिर रोजगार के लाभ और स्मार्ट शहर के विस्तार हमारा देश हर सेक्टर में विकास कर रहा है। देश के हर सेक्टर में विकास दिख रहा है।
वैष्णवी समूह के चेयरमैन और एमडी सीएन गोविंदराजू
वैष्णवी समूह के चेयरमैन और एमडी सीएन गोविंदराजू के मुताबिक साल 2018 का आम बजट ग्रामीण भारत पर पूरी तरह से फोकस था। बजट ने पूरा फोकस ग्रामीण भारत के विकास, नौकरी और प्राइवेट इंवेस्टमेंट पर था। बजट में सड़क और रेलवे को विकास पर बल दिया गया जो देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। बजट में सरकार ने 250 करोड़ तक के टर्नओवर वाले उद्योगों के कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर छोटे और मध्यम वर्गीय कारोबारियों को राहती ही और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। सरकार ने बजट में मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया है। वहीं 40000 के स्टैंडर्ड डिडक्शन से सैलरी और पेंशनभोगियों को भी लाभ पहुंचाया गया है। उन्होने कहा कि बजट से रियल एस्टेट को निराशा हाथ लगी है। इस सेक्टर ने सरकार से उम्मीदें लगा रखी थी, लेकिन उसे निराशा हाथ लगी। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार रियल एस्टेट को जीएसटी में राहत देगी। सेक्टर को उम्मीद थी कि सरकार बजट में घर खरीदने वाले लोगों को कर कटौती में राहत देगी,ताकि लोग घर खरीदने के लिए आकर्षित हो, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
CREDAI के सचिव आदर्श नरहरि
CREDAI के सचिव आदर्श नरहरि ने इस इस बजट को स्मार्ट बजट बताया। उन्होंने बजट को अर्थव्यवस्था को तरक्की देने वाला, स्वास्थ सुविधाओं को बढ़ावा देने वाला, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि और शिक्षा को बढ़ावा देने वाले बताया। हालांकि उन्होंने भी रियल सेक्टर को बजट में कोई राहत नहीं मिलने की बात स्वीकारी। वहीं बजट में 250 करोड़ रुपए के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर 25 फीसदी करने के प्रस्ताव की सराहना की। इससे सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रम को लाभ मिलेगा। हालांकि उन्होंने माना कि मध्यवर्गीय लोगों के लिए आवासीय योजना और नए एयरपोर्ट को लेकर सरकार की विकास योजना से रियल एस्टेट को लाभ मिलेगा।
FIABCI के वर्ल्ड प्रेसिडेंट फारूख महमूद
FIABCI के वर्ल्ड प्रेसिडेंट और सिल्वर लाइन रियल्टी के चेयरमैन और एमडी फारूख महमूद ने कहा कि डबल टैक्सेशन उद्योगों के लिए एक सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि ये कदम बताया है कि सरकार अब देश में उद्योगों के मूड को समझ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, हाउसिंग, स्मार्ट सिटी, ग्रामीण आवास जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर दिया गया है, जो बताता है कि ये एक सकारात्मक बजट है।
डॉ बानी आनंद
हेल्थ सेक्टर की बात करें तो हेयरलाइन इंटरनेशनल हेयर एंड स्किन क्लिनिक की फाउंडर और एमडी डॉ बानी आनंद का कहना है कि ये एक अच्छा बजट है। सरकार ने छोटे, माइक्रो और मध्यम वर्ग के उद्योगों पर कॉरपोरेट टैक्स कम करके उद्योगों को बढ़ावा दिया। वहीं सरकार ने मुद्रा योजना के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की। इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और नए उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने हेल्थ वेलनेस सेंटर के लिए 1,200 करोड़ रुपए जारी किए और स्वास्थ्य के लिए 1.5 लाख आरोग्य सेंटर स्थापित करने का फैसला किया।