ऑपेरशन समुद्र सेतु: श्रीलंका में फंसे 700 भारतीयों को लेकर आज भारत पहुंचेगा आईएनएस जलाश्व
नई दिल्ली। नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व सोमवार को श्रीलंका की राजधानी कोलंबो पहुंच चुका है और सोमवार देर शाम ऑपेरशन समुद्र सेतु के तहत 700 भारतीयों को लेकर तमिलनाडु के तूतीकोरिन के लिए रवाना होगा। आईएनएस जलाश्व कोलंबों से तूतीकोरन के बीच करीब 256 किमी की दूरी करीब 10 घंटे में पूरी करेगा।
इससे पहले, आईएनस जलाश्व मालदीव में फंसे करीब 1286 भारतीयों को सुरक्षित कोच्चि ला चुकी है और सोमवार शाम कोलंबो से 700 भारतीयों को तूतीकोरन पहुंचाने के बाद एक बार फिर आईएनएस जलाश्व मालदीव के लिए रवाना की जाएगी और वहां फंसे 700 और भारतीयों को वापस स्वदेश लाने के लिए एक और ऑपरेशन को अंजाम देगी।
गौरतलब है ऑपेरशन समुद्र सेतु के तहत भारत सरकार द्वारा शुरू किए अभियान में विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने का काम शुरू किया गया था। मालदीव से 1286 भारतीयों को सकुशल स्वदेश पहुंचाने के बाद अब आईएनएस जलाश्व कोलम्बो से 700 और भारतीयों को लेकर तूतीकोरेन पहुंचेगा।
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नौसेना पहले फेज में 1486 लोगों को माले से कोच्चि ला चुकी है। श्रीलंका और मालदीव में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी की लिस्ट तैयार करते वक़्त गर्भवती महिलाओं, बच्चें और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी गई है।
#VandeBharatMission: Indian navy ship #INSJalashwa to sail from Colombo port in #SriLanka today carrying around 700 Indian nationals back to Tuticorin in #Tamilnadu.#IndiaFightsCorona pic.twitter.com/LDomCiHuZx
— All India Radio News (@airnewsalerts) June 1, 2020
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रिपोर्ट कहती है कि युद्धपोत INS जलाश्व में सफर करने वाले लोगों का पहले Covid-19 से जुड़ा मेडिकल टेस्ट होता है, जिसके बाद सफ़र के दौरान यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जाता है। युद्धपोत में डॉक्टरों की टीम और रोजमर्रा जरूरत के सारे समान होते हैं, जो यात्रियों को यात्रा के दौरान मुहैया कराए जाते हैं।
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उल्लेखनीय है कोलम्बो और मालदीव से स्वदेश लाए जाने के बाद भारतीय नौसेना यात्रियों को सीधे राज्य सरकार के सुपुर्द कर रही है, जिसके बाद राज्य सरकार कोरोनावायरस संचरण की रोकथाम से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करेगी। इसमें 14 दिनों का अनिवार्य क्वॉरेंटाइन प्रमुख है, जिनमें होम और कोविड केंद्र क्वॉरेंटाइन दोनों शामिल हैं।
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