ओपेक देशों के इस फैसले से भारत में महंगा होगा डीजल-पेट्रोल!
ओपेक देशों के बीच पहले यह सहमति बनी थी कि वो सभी मार्च 2018 तक तेल उत्पादन में कटौती जारी रखेंगे
नई दिल्ली। रूस के नेतृत्व में ओपेक और गैर-ओपेक उत्पादक देशों ने गुरुवार को 2018 के अंत तक तेल उत्पादन में कटौती जारी रखने के लिए सहमति व्यक्त की है। रुस ने पहली बार ओपेक के नियमों से हिसाब से अपने तेल उत्पादन में कटौती की है। साथ ही उसने इस कटौती के साथ ही यह संकेत देने की कोशिश की है कि कैसे बाजार को नुकसान पहुंचाए बिना कटौती से बाहर निकला जा सकता है। इस कदम का उद्देश्य लगातार गिर रही क्रूड ऑइल की कीमतों को रोकना है। इसका सीधा मतलब यह है कि क्रूड ऑइल की कीमतें आने वाले समय में लगातार बढ़ सकती हैं। भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर इसका असर निश्चित तौर पर देखने को मिल सकता है।
ओपेक देशों के बीच पहले यह सहमति बनी थी कि वो सभी मार्च 2018 तक तेल उत्पादन में कटौती जारी रखेंगे, लेकिन हालिया बैठक में यह तय हुआ है कि अब दिसंबर 2018 तक तेल उत्पादन में यह कटौती जारी रहेगी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि ओपेक के विएना स्थित हेडक्वॉर्टर में हुई यह बैठक कई घंटों तक चली और लंबी चर्चा के बाद ही सदस्यों के बीच इस पर सहमति बनी।
आपको बता दें कि ओपेक में कुल 12 देश शामिल हैं, जिनके नाम अल्जीरिया, अंगोला, इक्वाडोर, इरान, इराक, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला शामिल हैं।
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