इस बार दिल्ली में दीवाली पर नहीं सुनाई देंगे बम, सिर्फ इन दो पटाखों को जलाने की अनुमति
इस बार दीवाली पर नहीं सुनाई देंगे बम और रॉकेट, सिर्फ इन दो पटाखों को जलाने की अनुमति
नई दिल्ली। इस बार की दीवाली शांतिपूर्ण होने की उम्मीद है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ दो तरह के पटाखों को ही जलाने की अनुमति दी है, जिसमे अनार और फुलझड़ी शामिल है, दोनों ही पटाखे शोर नहीं करते हैं, लिहाजा इस बार दीवाली शांतिपूर्ण होने की उम्मीद है। इसके अलावा कोर्ट ने रॉकेट, बम और अन्य शोर करने वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। पुलिस ने बताया कि लोग पटाखों को खरीदते समय उसपर आधिकारिक मुहर की जरूर पुष्टि करें।
पटाखे बेचने वालों पर रहेगी नजर
पटाखों पर क्यूआर कोड छपा होगा, जिसपर सरकारी स्टांप लगी होगी। अनार और फुलझड़ी दो रंगों में आती है। 50 फुलझड़ी या फिर पांच अनार का एक बॉक्स 250 रुपए में आएगा। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने बताया कि सिर्फ ग्रीन पटाखों की ही अनुमति है। हमने पटाखों की बिक्री पर नजर रखने के लिए टीम का गठन किया है। अगर कोई भी इन दो प्रकार के अलावा कोई पटाखे बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली में वायु प्रदूषण बड़ी समस्या
सरकार का दावा है कि ग्रीन पटाखे 30 फीसदी कम वायु प्रदूषण करते हैं, लिहाजा इसके इस्तेमाल की इजाजत दी गई है। बता दें कि दिल्ली में दीवाली के मौके पर वायु प्रदूषण हर वर्ष बड़ा मुद्दा रहता है। दीवाली के बाद हवा में घुले जहर की वजह से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पिछले एक हफ्ते की बात करें तो दिल्ली की हवा हर रोज खराब हो रही है। हवा की दिशा दिल्ली की ओर होने की वजह से आस पास के प्रदेशों से पराली का धुंआ दिल्ली में आ रहा है, जिससे यहां की हवा जहरीली हो रही है।
कम प्रदूषण होगा
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि यह पटाखे 25-30 फीसदी कम प्रदूषण करेंगे, साथ ही 50 फीसदी कम सल्फर डाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन करेंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दिल्ली को दीवाली के मौके पर प्रदूषण मुक्त बनाने का अभियान काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ने उठाया है। दरअसल कोर्ट ने आदेश दिया था कि सिर्फ उन्ही पटाखों को जलाने की इजाजत होगी जो कम प्रदूषण करें। इससे पहले तमाम याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर करके अपील की थी कि देशभर में पटाखों को प्रतिबंधित किया जाए, जिसके बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया था।
2016 में लगा था प्रतिबंध
गौरतलब
है
कि
वर्ष
2016
में
सुप्रीम
कोर्ट
ने
देश
की
राजधानी
दिल्ली
और
एनसीआर
में
पटाखों
की
बिक्री
पर
प्रतिबंध
लगा
दिया
था।
दरअसल
तीन
बच्चों
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
याचिका
दायर
की
थी,
जिसपर
सुनवाई
करते
हुए
कोर्ट
ने
यह
फैसला
लिया
था।
सितंबर
2017
में
कोर्ट
ने
अस्थायी
रूप
से
प्रतिबंध
को
हटा
दिया
था,
लेकिन
एक
महीने
के
बाद
एक
बार
फिर
से
प्रतिबंध
लगा
दिया
गया
था।
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