भारत में बढ़ रहा ऑनलाइन गर्भपात का चलन
नई दिल्ली/लखनऊ। अवंतिका को अपने एक सहकर्मी से प्यार हो गया। अक्सर ऑफिस के काम से उन्हें साथ में ही शहर से बाहर जाना पड़ता था। काम के दौरान मौमजस्ती के बीच एक दिन अचानक अवंतिका को पता चला कि वह गर्भवती है। घर परिवार व समाज में बदनामी के डर से उसने खुद से ही गर्भपात करने का निर्णय किया।
उसने इंटरनेट पर सर्च किया तो उसे ऑनलाइन अबॉर्शन के बारे में पता चला। फिर क्या था, उसने तुरंत ऑनलाइन पेमेंट किया और गर्भपात कर लिया। लेकिन डेढ़ साल बाद उसकी अचानक तबियत खराब हुई, तब पता चला कि उसके गर्भाशय में सिस्ट बन गया है।
असल में वो सिस्ट नहीं बल्कि उस बच्चे के कुछ अंश थे, जो डेढ़ साल पहले गर्भपात के वक्त उसके गर्भाशय में रह गये थे। वो फाइबन उसी के अंदर सड़ने लगे। और अब अगर अवंतिका का सही से इलाज नहीं हुआ तो आगे चलकर यह यूटरस कैंसर बन जायेगा।
जी हां हम बात करने जा रहे हैं इंटरनेट की उस दुनिया की जहां माता-पिता की नजरों से छिप कर गर्भपात कराया जा रहा है। इंटरनेट पर नए-नए ऑफर युवाओं को आकर्षित करते हैं। आजकल देखा जा रहा है कि पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित कई लड़कियां शादी से पहले गर्भवती होने पर इंटरनेट पर दवा सर्च कर स्वयं गर्भपात कर लेती हैं। ऐसा करना बेहद खतरनाक है।
देखने में सरल लगती हैं ओरल पिल्स
आम तौर पर जब पिल्स के बारे में लड़कियां ऑनलाइन सर्च करती हैं तो उनके सामने हजारों ऑफर खुल जाते हैं। प्राथमिक जानकारी को देखते हुए ओरल पिल्स के द्वारा अबॉशर्न को बहुत सरल दिखाई देता है। लड़कियां दवाई खरीद लेती हैं और बिना किसी डॉक्टर की सलाह के गोलियां खा लेती हैं। सामान्य तौर पर पिल्स की दूसरी डोज़ में जबरदस्त ब्लीडिंग होती है और लड़की कमजोर पड़ जाती है।
नर्चर आईवीएफ सेंटर की गाइनकोलॉजिस्ट एवं ऑब्सटेट्रिशियन डॉ. अर्चना धवन के अनुसार, "आम तौर पर जब ऑनलाइन पिल्स के बाद बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है, तो उसे डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। क्योंकि हीमोग्लोबिन घटकर 5 ग्राम तक पहुंच जाता है। शरीर में मौजूद रक्त की मात्रा में से आधे से भी कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि अकसर गर्भपात के दौरान कुछ बच्चे के अवशेष रह जाते हैं। ऐसे में संक्रमण भी बहुत अधिक फैल जाती है।