मार्च के बाद 400 फीसदी बढ़ी प्याज की कीमत, समाधान के लिए सरकार ने उठाए ये कदम
नई दिल्ली। देश में प्याज के दाम मार्च माह के बाद से 400 फीसदी तक बढ़ गए हैं। ये बात केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को लोकसभा में कही है। 3 दिसंबर, 2019 को प्याज का औसत खुदरा मूल्य 81.9 रुपये प्रतिकिलो हो गया, जो मार्च 2019 में 15.87 रुपये प्रतिकिलो था। हालांकि प्याज की किल्लत को देखते हुए इसका आयात भी किया गया है।
आयात किया गया प्याज आ चुका है
आयात किया गया ये प्याज आ चुका है, ऐसे में माना जा रहा है कि प्याज के दामों में कमी आ सकती है। मंगलवार को लगातार दूसरे हफ्ते कई स्थानों पर प्याज 100 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा था। गोवा के पणजी में दाम सबसे अधिक 165 रुपये प्रतिकिलो दर्ज किए गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 114 शहरों में प्याज की औसत कीमत भी 100 रुपये प्रतिकिलो दर्ज की गई है।
25 नवंबर तक औसत कीमत 100 रुपये थी
बता दें इस साल सितंबर के बाद से प्याज के दाम में लगातार बढ़ोतरी होने लगी थी और 25 नवंबर तक इसकी औसत कीमत 100 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गई। क्योंकि प्याज के दामों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई इसलिए कई विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर विरोध किया। इसपर संसद में भी हंगामा देखा गया। हालात और ज्यादा तब खराब हो गए जब दुकानों से प्याज की चोरी होने लगी।
कहां कितनी है कीमत?
दिल्ली में प्याज की कीमत औसतन 96 रुपये प्रतिकिलो है जबकि मुंबई में यह 102 रुपये है, चेन्नई में 100 रुपये और कोलकाता में 140 रुपये है। दक्षिण भारतीय राज्यों में कीमत सबसे अधिक 160 रुपये प्रतिकिलो है। बेमौसम बरसात के कारण इस बार घरेलू स्तर पर प्याज का उत्पादन 26 फीसदी कम हुआ है। परेशानी को हल करने के लिए सरकार ने बड़ी मात्रा में प्याज का आयात किया है। ताकि थोड़े ही समय के लिए सही लेकिन प्याज की कीमत में कमी हो सके।
निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा
साथ ही प्याज के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही खुदरा विक्रेता और थोक व्यापारियों द्वारा प्याज का स्टॉक जमा करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। सोमवार को भी प्याज के दाम कम करने के लिए केंद्र सरकार ने खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज के स्टॉक की मात्रा पांच टन से घटाकर दो टन कर दी है।
अमित शाह को विपक्षी सांसदों ने बीच में टोका, राज्यसभा टीवी ने बंद किया लाइव टेलिकास्ट