बालाकोट: एयर स्ट्राइक के समय IAF लाहौर पर भी हमले को थी तैयार, जगुआर जेट कर रहे थे सिग्नल का इंतजार
नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) ने पिछले वर्ष आज ही के दिन यानी 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला किया था। यह एयर स्ट्राइक पुलवामा आतंकी हमले का जवाब थी। 14 फरवरी को हुए उस हमले में सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया गया था। पुलवामा आतंकी हमले को पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से अंजाम दिया गया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। एक साल पूरा होने के बाद आइए आपको इस एयर स्ट्राइक की कुछ खास बातों को बताते हैं।
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मिराज की सुरक्षा के लिए थे जगुआर
बालाकोट एयर स्ट्राइक को मिराज-2000 फाइटर जेट्स की मदद से पूरा किया गया था मगर इस जगुआर जेट्स भी इस एयर स्ट्राइक का अहम हिस्सा थे। सूत्रों की मानें तो जब मिराज2000 जेट्स बालाकोट में जैश के अड्डों पर बम गिराने के लिए रवाना हुए तो उसी समय पाकिस्तान एयरफोर्स (पीएएफ) ने अपने हवाई क्षेत्र में एक यूएवी को डिटेक्ट किया था। सर्जिकल स्ट्राइक का खतरा भांपकर पीएएफ की तरफ से दो एफ-16 जेट्स को रवाना किया गया। एफ-16 की वजह से 12 मिराज 2000 खतरे में आ सकते थे। इसी समय आईएएफ की तरफ से छह जगुआर बॉम्बर्स को लॉन्च किया गया। इन बॉम्बर्स को लाहौर की तरफ रवाना करने की योजना बनाई गई।
लाहौर की तरफ जगुआर
सूत्रों की ओर से बताया गया है कि पाकिस्तान की ओर से एफ-16 लॉन्च करने की वजह से एयर स्ट्राइक फेल न हो जाए, इसके लिए आईएएफ ने एक योजना बनाई और जगुआर इस योजना का अहम हिस्सा था। पाकिस्तान को लगा था कि भारत की तरफ जैश के बहावलपुर स्थित हेडक्वार्ट्स पर हमला किया जाने वाला है। इसलिए उसने जगुआर को इंटरसेप्ट करने के लिए अपने एफ-16 का रुख लाहौर की तरफ कर दिया। इस पूरी प्लानिंग की वजह से मिराज जेट्स का रास्ता पूरी तरह से साफ हुआ। जेट्स बालाकोट में दाखिल हुए और हमला करके सुरक्षित वापस लौट आए। वहीं जगुआर जेट्स भी बॉर्डर से वापस लौट आए। इन जेट्स ने बॉर्डर पार नहीं किया था।
यूएवी की वजह से पाक कन्फ्यूज
यूएवी को पाकिस्तान पर अतिरिक्त दबाव बनाने के लिए लॉन्च किया गया था। यूएवी की वजह से पाक को लगा कि भारत शायद सितंबर 2016 की तरह ही कोई सर्जिकल स्ट्राइक करने वाला है। बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों को निशाना बनाने के मकसद से एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था। बालाकोट एयर स्ट्राइक 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले का जवाब थी जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।